इमाम ने कहा- औरतें हि‍जाब पहनें ताक‍ि मर्दों का खुद पर काबू रह सके

ऑस्ट्रेलिया के एक मुस्लिम इमाम का कहना है कि महिलाओं को हिजाब पहनना चाहिए, ताकि मर्द खुद पर काबू कर सकें। क्वींसलैंड के मुस्लिम धार्मिक गुरु शेख जैन्नादीन जॉनसन ने यौन शोषण के आरोप झेल रहे हॉलीवुड निर्माता हार्वे वेन्स्टीन के मामले में कूदते हुए महिलाओं को सलाह दी है कि उन्हें पर्दे में रहना चाहिए। अपने फेसबुक फोलॉवर्स को सलाह देते हुए जॉनसन ने लिखा है, ‘मर्दों को खुद को नियंत्रित करने में सक्षम होना चाहिए। यह इस्लामिक हिजाब के खिलाफ एक आम बहस है। मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि उन्हें अपने आपको कंट्रोल करने में सक्षम होना चाहिए। हालांकि, तथ्य बताते हैं कि ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए महिलाओं के लिए हिजाब पहनना बहुत जरूरी है।’

शरिया कानून की वकालत करने वाले जॉनसन पहले एक बैंड में काम करते थे। जॉनसन ने यह भी कहा है कि महिलाओं को कंगन पहनकर सार्वजनिक तौर पर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर महिलाएं कंगन पहनती हैं या फिर खुद को खूबसूरत बनाने की कोशिश करती हैं तो जब तक वे घर में हैं या फिर हिजाब से यह ढका हुआ है, तब तक यह ठीक है। अगर पति के सामने यह करती हैं तब भी यह ठीक है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन इसे पहनकर गली में निकलना और लोगों को दिखाना, यह सही नहीं है। इसकी अनुमति नहीं है।’

शेख जॉनसन का हिजाब पर दिया गया बयान सिडनी के पूर्व ग्रांड मुफ्ती शेख ताज-इल-दीन अल हिलाली का वो बयान याद दिलाता है, जिसमें साल 2006 में उन्होंने कहा था जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनती हैं, वो वैसे हैं जैसे ‘खुले में पड़ा मांस’। हिलाली ने बयान दिया था, ‘अगर आप बिना ढका हुआ मांस गली, पार्क, गार्डन या घर के पीछे रख देते हैं और बिल्ली आती है और उसे खा जाती है। तो इसमें किसकी गलती है? बिल्ली की या फिर बिना ढके हुए मांस की? बिना ढका हुआ मांस यहां दिक्कत है।’ इसके बाद हिलाली की कई धार्मिक गुरुओं और नेताओं ने इस बयान को लेकर निंदा की थी।

शेख ने साथ ही पुरुषों के ब्रेसलेट ना पहनने की बात कही है। उन्होंने ब्रेसलेट पहनना पुरुषों के लिए हराम करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘पुरुषों के लिए ब्रेसलेट पहनना हराम है। पता हैं क्यों हराम है ब्रेसलेट पहनना? क्योंकि यह महिलाओं की कॉपी होगा। ब्रेसलेट, नेकलेस, इयररिंग, नोज रिंग, आई रिंग और जो भी रिंग हैं वो केवल महिलाओं के लिए बनी हैं, ना कि पुरुषों के लिए।’

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