इराक से लाए गए शव: ताबूत खोला तो मिलीं हड्डियां, बाल और कड़े
इराक में मारे गए 38 भारतीयों के अवशेष उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं, जिसके बाद परिजनों का अपनों को खोने का दर्द छलक पड़ा। सरकार की ओर से ताबूत नहीं खोलने के निर्देश मिलने के बावजूद कुछ परिजन खुद को रोक नहीं सके और जैसे ही उन्होंने ताबूत खोले, उन्हें गहरा धक्का लगा। पंजाब के नवांशहर के भोलेवाल गांव की रहने वाली गुरपिंदर कौर ने जब अपने भाई मनजिंदर सिंह का ताबूत खोला तो वह अावाक रह गईं। दरअसल, ताबूत में सिर्फ कुछ हड्डियां, बाल, कड़ा और कुछ कपड़े ही मौजूद थे। ऐसा करने वाली गुरपिंदर कौर अकेली नहीं थीं। कई और लोगों ने भी सरकार के दिशा-निर्देशों के खिलाफ जाते हुए ताबूतों को खोलकर देखा और उन ताबूतों में जो अवशेष उन्हें मिले, उन्हें देखकर परिजन फूट-फूटकर रोते देखे गए।
बता दें कि जब इराक में मारे गए 38 भारतीयों के शव सोमवार दोपहर को अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे तो भारतीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने परिजनों को सलाह देते हुए कहा था कि ताबूत ना खोलें, क्योंकि अवशेषों पर इस्तेमाल किया गया केमिकल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बावजूद लोगों ने ताबूत खोलकर देखें। लाए गए अवशेषों में से 2 का अंतिम संस्कार सोमवार शाम को ही अमृतसर के दुर्गियाना कमेटी अंतिम संस्कार स्थल पर कर दिया गया। इसी बीच, कई लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए अपने परिजनों के अवशेष लेने से इनकार कर दिया है। इराक में मारे गए बिहार के सुनील कुमार कुशवाहा और अदालत सिंह के परिजनों ने उनके अवशेष लेने से इनकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि एक विशेष विमान से पंजाब के 27, बिहार के 5, हिमाचल के 4 और बंगाल के 2 भारतीयों के अवशेष भारत लाए गए। बिहार के एक व्यक्ति के डीएनए की जांच अभी तक नहीं हो पायी है, जिसे लाने के प्रयास बाद में किए जाएंगे।
दोनों मृतकों के परिजनों का कहना है कि बिहार सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए का जो मुआवजा दिया जा रहा है, वह नाकाफी है। इसलिए उनकी मांग है कि जब तक उन्हें मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी नहीं दी जाती, तब तक वह अवशेष स्वीकार नहीं करेंगे। बता दें कि पंजाब सरकार ने एलान किया है कि इराक में मारे गए राज्य के लोगों को 5 लाख रुपए मुआवजा और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसी बीच, विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के एक बयान पर विवाद हो गया है। दरअसल, पत्रकारों से बात करते हुए वीके सिंह ने मुआवजे के सवाल पर कहा कि यह बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है, ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है, आ गई बात समझ में? मैं अभी एलान कहां से करूं? जेब में कोई पिटारा थोड़े रखा हुआ है। वीके सिंह के इस बयान पर राजनैतिक पार्टियों ने उनकी कड़ी आलोचना की है।