इलाज, शादी, मकान, पढ़ाई के लिए पीएफ से कैसे और कितना निकाल सकते हैं पैसा
निजि क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा देने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जमा राशि की निकासी के नियमों में हाल में कुछ बदलाव किए हैं, जोकि कर्मचारियों के हित में माने जा रहे हैं। बदले हुए नियमों के मुताबिक कोई व्यक्ति नौकरी जाने या छोड़ने के एक महीने या उससे ज्यादा की अवधि के बाद अपनी कुल जमा भविष्य निधि का 75 फीसदी हिस्सा निकाल सकता है और बाकी का 25 फीसदी हिस्सा बेरोजगार होने के दो महीने बाद निकाला जा सकता है। ईपीएफओ आंशिक तौर ईपीएफ निकासी की सुविधा लेकर भी आया है। ईपीएफओ यह सुविधा स्वयं की या बच्चों की शादी होने, घर खरीदने और बच्चों की पढ़ाई आदि जैसे खर्चों के लिए दे रहा है। इसके अलावा भी कई कारणों से आंशिक ईपीएफ निकाला जा सकता है। बीमारी के इलाज के लिए: कोई भी कर्मचारी अपने या परिवार में किसी के इलाज के लिए 6 महीने की बेसिक सैलरी (मूल वेतन) और डाइट अलाउंस (डीए) निकाल सकता है या जितना भी उसका योगदान है, उसे निकाल सकता है, इसके लिए करना यह है कि उसे कंपनी और डॉक्टर के हस्ताक्षर किया हुआ एक प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
शादी के लिए: आप अपनी या परिवार में बेटा, बेटी, बहन, भाई या किसी की भी शादी के लिए ईपीएफ से ब्याज के साथ अपने हिस्से का 50 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं लेकिन शर्त यह है आप कम से कम 7 वर्षों से ईपीएफओ के सदस्य हों। इस उद्देश्य के लिए पैसे निकालने के लिए आपको फॉर्म 31 में घोषणा करने की जरूरत होगी।
बच्चों की शिक्षा के लिए: बच्चों की 10वीं के बाद की पढ़ाई के लिए ईपीएफ से ब्याज के साथ अपने हिस्से का 50 फीसदी हिस्सा निकाला जा सकता है। इसके लिए भी ईपीएफओ की कम से कम सात वर्षों की सदस्यता जरूरी है। ऐसी सूरत में आपको संस्थान के प्रमुख द्वारा जारी पढ़ाई के खर्च से संबंधित प्रमाण पत्र जमा कराने की जरूरत पड़ेगी।
घर या फ्लैट खरीदने या घर बनवाने के लिए: इसके लिए ईपीएफओ की सदस्यता कम से कम पांच वर्ष की होनी चाहिए। जमीन खरीदने के लिए आप डीए और 24 महीने का मूल वेतन निकाल सकते हैं। घर या फ्लैट खरीदने या बनवाने के लिए डीए और 36 महीने की बेसिक सैलरी या ब्याज के साथ कंपनी और आपके द्वारा जमा की गई राशि निकाली जा सकती है। ध्यान रहे कि इस सुविधा का लाभ कर्मचारी नौकरी के अपने पूरे कार्यकाल में केवल एक बार ले सकता है। कर्मचारी की घोषणा के अलावा इसके लिए अलग से किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ती है।