इस गाने को अश्लील बता स्टूडियो से बाहर निकलने लगीं लता मंगेशकर, फिर रिकॉर्डिंग के लिए ऐसे मानी
लता मंगेशकर को सुरों के दुनिया की रानी कहना गलत नहीं होगा। 28 सितंबर 1929 में इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय सिंगर हैं। उनका 6 दशकों का करियर उपलब्धियों से भरा पड़ा है। भारत की ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाये हैं। उनकी आवाज़ सुनकर कभी किसी की आंखों में आंसू आए, तो कभी सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिला। लता जी के गायन करियर में उनकी बहन आशा भोंसले का सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता मंगेशकर का पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था। चलिए आज हम आपको लता मंगेशकर से जुड़ा एक रोचक किस्सा बताते हैं। जब उन्होंने एक गाने को अश्वील बता कर गाने से मना कर दिया था लेकिन बाद में रिकॉर्डिंग पूरी की थी।
दरअसल यह वाकया साल 1987 आई फिल्म दिल तुझको दिया से जुड़ा है। राकेश कुमार के निर्देशन में बनी इस फिल्म में एक्टर कुमार गौरव, लीला चिटनिस, अमरीश पुरी, और अरुणा ईरानी जैसे दिग्गज कलाकार नजर आए थे। इस फिल्म का म्यूजिक राजेश रोशन ने दिया था और लता मंगेशकर ने गाया था। इस फिल्म के एक गाना था ‘वादा ना तोड़ वादा ना तोड़…’, जिसे लता मंगेशकर ने गाया था। हालांकि पहले लता को इस गाने के कुछ बोल अश्वील लगे थे और गाने से मना कर दिया था।
इस गाने के कुछ बोल ऐसे थे कि ‘वादा ना तोड़ वादा ना तोड़, मेरी चढ़ती जवानी तड़पे…’ लता ने गाने के बोल देखे तो उन्होंने गाने से साफ मना इनकार कर दिया। यहां तक कि लता गाने के बोल सुनकर इतना अपसेट हो गई थीं कि स्टूडियो से बाहर जाने लगी थीं। तब राजेश रोशन ने उन्हें रोककर अपनी बात कहने का एक मौका मांगा।
राजेश रोशन ने लता को पिता की फिल्म में गाये एक गाने के बारे में याद दिलाया। उन्होंने पूछा उनके पिता की फिल्म चित्रलेखा में गाया गाना ‘सखी री मेरा मन उलझे तन डोले’ क्या उन्हें याद है। लता जी ने बताया की हां उन्हें याद है। तब राजेश रोशन ने कहा कि इस गाने के भाव भी उसी गाने जैसे हैं, आपको जवानी शब्द से शायद गलतफहमी हो रही है। जब साहिर, ग्रेट जीनियस रोशन का नाम आ गया तो वह मान गईं और तब जाकर इस गीत की रिकॉर्डिंग पूरी हो पाई थी।