इस मशहूर मंदिर के पुजारी की धमकी, ‘नए साल की बधाई दी तो भक्तों को करा दूंगा उठक-बैठक’

तेलंगाना के प्रसिद्ध मंदिर चिलकुर बालाजी के मुख्य पुजारी ने अपने भक्तों को अजीबो-गरीब धमकी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुजारी सीएस रंगराजन ने भक्तों से कहा है कि अगर किसी ने उन्हें नए साल की शुभकामनाएं दी तो वह उससे उठक-बैठक करवा देंगे। पुजारी रंगराजन ने इस बयान के पीछे की वजह हिंदू संस्कृति से छेड़छाड़ बताई। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाना हिंदुत्व के खिलाफ है। हिंदुओं को तेलुगू नव वर्ष ‘उगादि’ मनाना चाहिए।

पुजारी के इस बयान को लेकर जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि वह हर साल नवंबर और दिसंबर के महीने में अपने भक्तों को यह हिदायत देते हैं, लेकिन इस बार उनकी बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसकी उन्हें बहुत खुशी है। भक्तों को उठक-बैठक लगवाने की बात पर रंगराजन ने कहा- मैं मंदिर में एक शिक्षक की तरह हूं और भक्त विद्यार्थी हैं। अगर कोई मुझे नए साल की शुभकामनाएं देता है तो मुझे यह अधिकार है कि मैं उसको सजा दूं। ‘उगादि’ हमारा नया साल है, न कि 1 जनवरी ।

रंगराजन ने कहा कि हिंदू संस्कृति मिट रही है। इसे बचाने की जरूरत है। हम पीढ़ियां गुजरने के साथ ही संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। अब इसकी कोई जरूरत नहीं रह गई कि कोई आकर हमारा धर्म बदले, हम खुद अपनी संस्कृति को नजरअंदाज कर इसे खतरे में डाल रहे हैं। रंगराजन ने उन मंदिरों के खिलाफ भी नाराजगी जताई जो नए साल के मौके पर भवन की सजावट के लिए पैसे खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदु धर्म के अनुसार इसकी कोई जरूरत नहीं है, यहां तक की कई चर्च भी नए साल के मौके पर रूप सज्जा के लिए पैसे खर्च करने से बचते हैं। उन्होंने इसे भीड़ का नया साल बताया।

पुजारी रंजराजन ही अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं जो नए साल का जश्न मनाने का विरोध जता रहे हैं, आंध्र प्रदेश के निधि विभाग ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि मंदिर प्रबंधनों को नए साल के मौके पर भवनों की सजावट और भगवान के स्पेशल दर्शन कराने के काम को बैन कर देना चाहिए।

 

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