इस साल सबसे ज्यादा कश्मीरी बने आतंकी, अधिकांश ने अल-कायदा के जाकिर मूसा का साथ पकड़ा
कश्मीर में स्थानीय युवाओं के आतंकी समूहों में शामिल होने का का आंकड़ा इस साल तेजी से बढ़ा है। गृह मंत्रालय ने इस साल 31 जुलाई तक के आंकड़े जारी किए हैं। इससे साफ है कि वर्ष 2010 के बाद इस साल आतंकी समूहों से जुड़ने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रही है। आतंकवाद की राह पकड़ने वाले युवाओं में से अधिकांश ने अल-कायदा के समर्थन का दावा करने वाले आतंकी समूह अंसार गजवा-उल-हिंद का साथ पकड़ा है। इस आतंकी समूह को जाकिर मूसा चलाता है। इस संगठन में 130 युवकों के शामिल होने की जानकारी मिली है। जाकिर रशीद भट उर्फ जाकिर मूसा, कश्मीर के पुलवामा जिले में त्राल के एक गांव का रहने वाला है।
अल कायदा के अलावा 131 अन्य युवकों के दूसरे विभिन्न आतंकी संगठनों में शामिल होने की जानकारी खुफिया एजंसियों को मिली है। इसमें सबसे बड़ी संख्या दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले की है, जहां से 35 युवा शामिल हुए हैं। पिछले साल 126 स्थानीय लोग आतंकी गुटों से जुड़े थे। सुरक्षा एजंसियों द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और अवंतीपुरा जिलों वाले सबसे अशांत दक्षिण कश्मीर में सबसे ज्यादा युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। कश्मीर घाटी में इन पांच जिलों से 100 से ज्यादा युवक विभिन्न आतंकी समूह में शामिल हुए हैं।
हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक 2010 के बाद इस साल यह आंकड़ा शीर्ष पर है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2010 से 2013 की तुलना में वर्ष 2014 के बाद घाटी में हथियार उठाने वाले नौजवानों की संख्या बढ़ती गई है। वर्ष 2010 से 2013 तक यह आंकड़ा क्रम से 54, 23, 21 और छह था। वर्ष 2014 में यह संख्या बढ़कर 53 हो गई और 2015 में 66 तथा 2016 में यह 88 तक चली गई। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, जाकिर मूसा के आतंकी गुट की युवाओं के बीच स्वीकार्यता धीरे-धीरे बढ़ रही है। मूसा ने हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेताओं के 27 साल से चले आ रहे दबदबे को चुनौती दी है और कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा बताने पर सर कलम कर देने की धमकी दी है।
अधिकारियों का मानना है कि ‘शरीयत या शहादत’ के मूसा के नारे ने पाकिस्तान के समर्थन वाले वर्षों पुराने नारे की जगह ले ली है। मूसा ने इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और आतंकवादी बन गया। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद इस 24 वर्षीय आतंकी ने युवाओं को बरगलाना शुरू किया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, वह पढ़ाई के साथ खेल में भी अच्छा था और अंतर राज्यीय कैरम चैंपियनशिप में उसने राज्य का प्रतिनिधित्व किया था। वह घाटी में कई नौजवानों के लिए नायक की तरह उभरने लगा है। मूसा के बारे में माना जाता है कि वह यमन-अमेरिकी मूल के प्रचारक अनवार अल अवलाकी से प्रभावित है, जो सितंबर 2011 में यमन में अमेरिकी हमले में मारा गया था।
मूसा मुख्य तौर पर अपने संगठन के लिए भर्ती पर फोकस कर रहा है और नौजवानों को हथियार उठाने के लिए उकसा रहा है। उसने लश्कर-ए-तैयबा के अबू दुजाना को अपने समूह में शामिल कर पाकिस्तान में बैठे लश्कर के आकाओं को चौंका दिया था। हालांकि, बाद में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में अबू दुजाना मारा गया था। जम्मू कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट है कि अंसार गजवा-उल-हिंद का घाटी में बहुत आधार नहीं है, लेकिन गांव और कस्बों में उसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। प्रतिबंधित आइएस से संबद्ध आइएस (जम्मू-कश्मीर) में कुछ युवा चले गए थे, लेकिन इसके प्रमुख दाऊद सोफी के मारे जाने के बाद अब समूह का कोई नामलेवा नहीं बचा है।