उत्तराखंड के सीएम रावत ने बोला झूठ? चुनाव आयोग ने दिए संपत्ति की जांच के आदेश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर चुनाव आयोग को अपनी संपत्तियों की गलत जानकारी देने का आरोप लगा है। चुनाव आयोग ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अचल संपत्तियों का फिर से मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 19 दिसंबर को CBDT को लिखे गये एक पत्र में चुनाव आयोग ने CBDT को कहा है कि उनकी अचल संपत्तियों की कीमतों का आकलन किया जाए और इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए। चुनाव आयोग बीजेपी के पूर्व कार्यकर्ता रघुनाथ सिंह नेगी की शिकायत पर कार्रवाई कर रहा है। रघुनाथ सिंह नेगी 2010 में गढ़वाल मंडल विकास निगम के वाइस चेयरमैन थे। 30 अक्टूबर को चुनाव आयोग को दिये शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि सीएम ने चुनाव आयोग को दिये अपने शपथपत्र में अपनी कई अचल संपत्तियों की कीमत काफी कम दिखाई थी। नेगी ने यह भी आरोप लगाया था कि रावत ने अपने उम्र की गलत जानकारी चुनाव आयोग को दी है। उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में और 2014 के उप चुनाव में रावत ने अपनी उम्र 54 साल दिखाई है।

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को रावत द्वारा झूठी सूचना देने, तथ्यों को छुपाने, उम्र का गलत विवरण देने और अपनी अचल संपत्तियों का कम आकलन करने की जानकारी दी है। नेगी ने कहा कि, सीएम रावत ने 9,56,000 रुपये में तीन आवासीय संपत्तियों को खरीदने की जानकारी दी है। जबकि असल में इनकी मार्केट वैल्यू काफी ज्यादा है। बता दें कि चुनाव आयोग के शपथपत्र में गलत सूचना देने पर 6 महीने की सजा और/अथवा जुर्माना जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 125 (A) के तहत हो सकती है।

बता दें कि फरवरी/मार्च 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तराखंड में शानदार बहुमत हासिल किया था। राज्य की कुल 70 सीटों में से भाजपा के खाते में 57 आई थीं। जबकि कांग्रेस को केवल 11 सीट मिली थीं। चुनाव के बाद बीजेपी आलाकमान ने डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सीएम पद की जिम्मेदारी दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *