उत्तराखंड में मिशन महाव्रत: ‘विरोध’ दबाने के लिए राज्य भर के पुलिसवालों को खिलाए गए पकवान! एक गिरफ्तार

उत्तराखंड में प्रस्तावित मिशन महाव्रत को विफल करने के उद्देश्य से पुलिसकर्मियों के लिए सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। उत्तराखंड में शनिवार को हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, गढ़वाल और रुड़की समेत सभी जिलों में पुलिसकर्मियों ने एक साथ बैठकर स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लिया। सोशल मीडिया पर शनिवार को मिशन महाव्रत होने की चर्चा थी, जिसका तोड़ निकालते हुए उसी दिन पुलिसवालों के लिए सामूहिक भोज रखा गया। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इस भोज को बड़ा भोज कहा है, लेकिन इससे पहले कभी भी कोतलावी में बड़े खाने का आयोजन नहीं किया गया था। दरअसल, पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर उत्तराखंड पुलिस में वेतन विसंगति और लंबित मांगों को लेकर 6 जनवरी को मिशन महाव्रत किए जाने की खबरें फैल रही थी। इन खबरों ने पुलिस महकमे से लेकर सरकार तक की नींद उड़ा दी थी। किसी भी तरह का विरोध ना हो और अनुशासन बना रहे इस उद्देश्य से शनिवार को यानी 6 जनवरी को ही सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।

ऋषिकेश, चमोली, पौड़ी और हरिद्वार समेत सभी जिलों में पुलिसकर्मियों के लिए शाही पनीर, मटर पनीर, पूरी और खीर जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाए गए। थानों और कोतवाली में सभी पुलिसकर्मियों ने साथ में बैठकर खाना खाया। कई जगहों पर बड़े अधिकारियों ने अपने सामने सिपाहियों को खाना खिलाया, इतना ही नहीं कई थानों में तो अधिकारियों ने अपने हाथों से सिपाहियों को स्वादिष्ट पकवान खिलाए।

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Dehradun: A BJP worker, Rakesh Tomar, arrested for provoking policemen about their salaries & other issues through a social media campaign called ‘Mission Mahavrat’

मिशन महाव्रत मामले में एक गिरफ्तार
मिशन महाव्रत की चर्चा फैलने के बाद इससे निपटने के लिए अधिकारियों द्वारा खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया था, जिसके बाद पुलिस को बड़ी सफलता भी हाथ लगी। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर मिशन महाव्रत का प्रचार करने के आरोप में राकेश तोमर नाम के व्यक्ति की गिरफ्तारी की है। तोमर पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया का सहारा लेकर पुलिसकर्मियों के बीच असंतोष फैलाने का काम किया। राकेश के खिलाफ रायपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। आरोपी को फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि राकेश तोमर के खिलाफ साल 2015 में मिशन आक्रोश के दौरान भी सक्रीय भूमिका निभाने के आरोप में केस दर्ज हुआ था।

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