उपराज्यपाल के खिलाफ सड़क पर उतरी ‘आप’, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का भी मिला समर्थन

दिल्ली के अधिकारियों के कथित हड़ताल के बहाने राजधानी की निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल का ताजा टकराव रविवार को दिल्ली की सड़कों पर उतर गया। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री आवास तक मार्च और घेराव का आयोजन किया था, लेकिन मंडी हाउस से शुरू हुए मार्च को पुलिस ने संसद मार्ग पर ही रोक लिया। आप के बैनर तले मार्च कर रहे लोगों को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का भी साथ मिला। आप नेताओं ने इस रैली की तुलना 2011 के अण्णा आंदोलन से की। रैली से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘हम आ गए हैं आज सड़क पर, लोकतंत्र की तलाश में। जब बैठी तानाशाही है, प्रधानमंत्री निवास में’। ‘खूब करो साहेब कोशिश हमें मिट्टी में दबाने की, शायद आपको नहीं मालूम कि हम बीज हैं, आदत है हमारी हर बार उग आने की’।
आप नेता संजय सिंह के नेतृत्व में मंडी हाउस से शुरू आप के प्रदर्शन में माकपा कार्यकर्ताओं, दिल्ली शिक्षक संघ और ऑटो चालकों के शामिल होने से भीड़ काफी बढ़ गई और वे हाथों में तख्तियां लिए केजरीवाल के समर्थन में संसद मार्ग की तरफ रवाना हुए। रैली में अफसरशाही नहीं चलेगी, एलजी शाही नहीं चलेगी की जमकर नारेबाजी की गई। पोस्टरों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिंदी फिल्म नायक के मुख्य किरदार की भूमिका में रहे अनिल कपूर के साथ दिखाया गया और नायक 2 बताया गया। दिल्ली को चाहिए महाराज के राज से आजादी की भी नारेबाजी हुई। प्रधानमंत्री आवास के घेराव के लिए निकली रैली को पुलिस ने संसद मार्ग पर ही रोक दिया गया। रैली में आए एक व्यक्ति ने कहा, ‘मोदी जी ने दिल्ली को बंधक बना लिया है। दिल्ली को आजाद करवाने के लिए आज हम लोग यहां इकट्ठा हुए है’।
आम आदमी पार्टी के इस विरोध-प्रदर्शन में साथ देने पहुंचे माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्र का दिल्ली सरकार के साथ व्यवहार संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है। आम आदमी पार्टी नेताओं ने कहा कि उनकी रैली में लोगों को आने से रोकने के लिए भरपूर कोशिश की गई। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद बसें रोकीं, विधायक दफ्तरों पर पहरा बिठाया, फिर भी दिल्ली निकल पड़ी है सड़कों पर। 2011 के आंदोलन जैसा माहौल है। वही जज्बा और जुनून है’। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रविवार की रैली ने पांच साल पहले केंद्र की यूपीए सरकार के खिलाफ आंदोलन की याद ताजा कर दी। रैली को भरपूर समर्थन मिलने का दावा किया गया। दिल्ली ऑटो ड्राइवरों का भी समर्थन मिलने का दावा किया गया। पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री आवास तक जाने से रोके जाने पर रैली में इकट्ठा भीड़ ने पुलिस और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, ‘जब-जब भाजपा डरती है, पुलिस को आगे करती है। पुलिस के दम की ये सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’।