उपराष्ट्रपति नायडू देंगे 12वें उत्कृष्ट पत्रकारिता के विजेताओं को पुरस्कार

तमाम तरह के मुद्दों को उजागर करने वाली ये खबरें देश के विभिन्न कोनों से आई हैं- बुरहान वानी के मारे जाने के बाद के जम्मू-कश्मीर से लेकर बैंकों द्वारा करोड़ों के फंसे हुए कर्ज की माफी, बुनकरों की दुर्दशा के खिलाफ चलाए गए अभियान और पृथक्कृत आवासीय समूहों की वास्तविकता तक की। लेकिन 20 दिसंबर, 2017 को नई दिल्ली में 12वें रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार के दौरान जब ये सारी कहानियां एक साथ मंच पर आएंगी तो यह विश्वसनीयता, सत्यता और निष्पक्षता के साथ साहस कर खबरों को सामने लाने की काबिलियत का उत्सव मनाने का मौका होगा। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जो इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे -प्रिंट व प्रसारण- दोनों माध्यमों में 2016 में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए 25 श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीएम श्रीकृष्ण, एचडीएफसी लिमिटेड के अध्यक्ष दीपक पारेख, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और वरिष्ठ पत्रकार पामेला फिलिपोसे जैसे सुप्रसिद्ध लोगों की जूरी ने 2016 के लिए आई लगभग 800 प्रविष्टियों में से विजेताओं का चुनाव किया। इस पुरस्कार की प्रासंगिकता और भूमिका की चर्चा करते हुए फिलिपोसे ने कहा, ‘यह ऐसा समय है जहां स्वतंत्र दिमाग वाले पत्रकारों की आवश्यकता है। जहां तक मैं देख सकती हूं कि उन युवा लोगों को जिनकी सामायिक मुद्दों पर स्वतंत्र सोच है, को सामने लाने, प्रशिक्षित करने और पुरस्कृत करने में इन पुरस्कारों की एक अहम भूमिका है। मुझे लगता है कि इस समय हम पत्रकारिता में दिल और दिमाग को वापस लाए हैं, जहां आवश्यकतानुसार सत्ता में बैठे लोगों की हां में हां मिलाने की अनुमति नहीं है।’ आगे वे कहती है, ‘वो लोग जिन्होंने अतिरिक्त प्रयास किए और जो असामान्य चीजों की खोज को तत्पर थे, ढकी छिपी चीजों को सामने लाने और आखिरी आदमी तक और जो रास्ते के आखिर तक जाने को तैयार थे…यह वह चीज है जो रोमांचित करती है।’

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी कहते हैं, ‘सबसे प्रतिष्ठित मीडिया पुरस्कार के विजेताओं का चयन करना हमेशा से एक कठिन कार्य रहा है। बहुत सारी प्रविष्टियां थीं और प्रत्येक दूसरे से बेहतर थी। इस प्रक्रिया का हिस्सा बन कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।’ रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार की स्थापना एक्सप्रेस समूह ने अपने संस्थापक रामनाथ गोयनका के जन्मशताब्दी वर्ष पर हुए समारोहों के दौरान 2006 में की थी। इस पुरस्कार का ध्येय पत्रकारिता में उत्कृष्टता, साहस और प्रतिबद्धता को चिह्नित करना और पूरे देश के पत्रकारों के असाधारण योगदान को सबके सामने लाना है। यह भारतीय मीडिया कैलेंडर का सबसे प्रतिष्ठित सालाना कार्यक्रम है जो पत्रकारिता के सबसे ऊंचे मानदंडों को रेखांकित करता है। इन वर्षों के दौरान इस पुरस्कार के विजेताओं ने अक्सर राजनीतिक और आर्थिक दबावों का सामना करते हुए ऐसी खबरें उजागर की हैं जिससे मीडिया में जनता के विश्वास को बढ़ावा देने और बरकरार रखने में मदद मिली है और साथ ही जिसने लोगों के जीवन पर भी असर डाला है।

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