उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की चप्पलें हुईं चोरी

भारत में चप्‍पल चोरी होने की घटनाएं आम हैं, मगर किसी अति-विशिष्‍ट व्‍यक्ति के साथ ऐसा हो तो आश्‍चर्य होना स्‍वाभाविक है। उप-राष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू एक भाजपा सांसद के घर, बेंगलुरु गए थे। अन्‍य भाजपा मंत्रियों व सांसद के साथ नाश्‍ते के समय नायडू को पता चला कि उनके जूते गायब हैं। उप-राष्‍ट्रपति यहां पर कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों में शिरकत करने आए हैं। उन्‍होंने करीब डेढ़ घंटे तक अपने ‘शुभचिंतकों’ से बेंगलुरु (सेंट्रल) सांसद पीसी मोहन के आवास पर मुलाकात की। नायडू से मिलने आने वालों में केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, कर्नाटक के विधायक सीटी रवि और जगदीश शेट्टर प्रमुख रहे। बैठक से बाहर आने के बाद नायडू अपने जूते न पाकर हैरान रह गए। गार्ड्स और वहां मौजूद स्‍टाफ ने कोना-कोना छान मारा, मगर जूते नहीं मिले। अधिकारियों ने यह मान लिया कि इतनी भीड़ में नायडू के जूते किसी से बदल गए होंगे।

नायडू को नंगे पैर नायडू को देख अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। फौरन नजदीकी शोरूम से उनके लिए नए जूते मंगाए गए ताकि वह अपना दिन भर का काम निपटा सकें। वह इसके बाद इंस्‍टीट्यूट फॉर सोशल एंड इकॉनमिक चेंज गए, जहां संस्‍थापक दिवस कार्यक्रम के लिए उन्‍हें गेस्‍ट लेक्‍चर हेतु आमंत्रित किया गया था।

उप-राष्‍ट्रपति के साथ पहले भी ऐसा वाकया हो चुका है। पिछले साल दिसंबर में, नायडू (राज्‍य सभा के पदेन सभापति) ने सदन में अपने साथ हुई ठगी का एक अनुभव साझा किया था। तब उन्‍होंने बताया था कि वह कैसे वजन घटाने वाले एक टीवी विज्ञापन के जाल में फंस गए थे। नायडू ने बताया कि उन्‍होंने वह टेबलेट मंगवा ली मगर उसकी डिलीवरी नहीं हुई।

कंपनी की तरफ से एक मेल भेजकर उनसे दूसरी टेबलेट खरीदने को कहा गया। उप-राष्‍ट्रपति ने इस घटना की जानकारी उपभोक्‍ता मामलों के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को दी। पासवान ने जांच बिठाई तो पता चला कि वह कंपनी अमेरिका से संचालित होती है, जिसके जाल में नायडू फंसे थे।

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