उप्र: ठंड का प्रेकोप बढ़ा, अब तक 94 लोग मरे

नववर्ष 2018 के आगाज के बाद जैसे-जैसे जनवरी माह आगे बढ़ रहा है, पारा नीचे लुढ़कजा रहा है। ठंड के प्रकोप से प्रदेश भर में जनजीवन बेहाल हो गया है। इस हाड़ कंपाती ठंड के कारण सूबे में 94 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत अन्य जनपदों में रात का तापमान में न्यूनतम 7 से 3 डिग्री तक पहुंच रहा है। हालांकि दो दिन से थोड़ा खुलकर दर्शन दे रहे सूर्यदेव काफी हद तक राहत दे रहे हैं। लेकिन धूप में जिन बफीर्ली हवाओं का असर थोड़ा कम होता वहीं सांझ होते ही सितम ढाहने लगती है और लोगों को गर्म कपड़ों के साथ घरों में कैद होने को मजबूर कर देती है।

वहीं मौसम विभाग ने भी साफ कर दिया है कि इस कोहरे वाली गलनभरी सर्दी से फिलहाल 11 जनवरी तक निजात मिलने से रही। बीते वर्ष की 27 दिसंबर से ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू किया था। नए साल में तो सर्दी अपने शबाब पर पहुंच गई। कोहरा, गलन व बफीर्ली हवाओं ने लोगों के हाड़ डुला दिए। पिछले एक सप्ताह से मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसी को भी नहीं बख्शा है। बफीर्ली हवाएं चलने से गलन में हुए इजाफे से हाथ व पैर की अंगुलियां जवाब देने लगी हैं।

मौसम विभाग के निदेशक जे.पी.गुप्ता कहते हैं, “उप्र में शीतलहर बनी रहेगी। अभी दो-चार दिन धूप नहीं निकलेगी, अगर निकलेगी भी तो बहुत हल्की निकलेगी। कुहासा बना रहेगा। कुछ इलाकों में पाला भी पड़ सकता है। गलन भरी ठंड और कोहरे का सिलसिला जारी रहेगा।” पारा और गिर जाने से बस स्टॉप, रेलवे स्टेशनों पर सफर करने वाले मुसाफिरों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग घरों में अलाव, अंगीठी, हीटर और ब्लोवर आदि के दम पर सर्दी को मात देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ठंड है कि कंपकंपाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

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