उलझा बुराड़ी मामला: मिस्त्री ने टोने टोटके को किया खारिज, 11 पाइप महज इत्तेफाक!
बुराड़ी हादसे की जांच में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा पूरी तरह से उलझ चुकी है। करीब सौ लोगों से पूछताछ और एक के बाद एक कई रजिस्टर मिलने और उसमें कथित तौर पर बेटे और अन्य सदस्यों के बारे में धार्मिक अंधविश्वास जैसी बातें लिखी होने के कारण मामला उलझता जा रहा है। पुलिस इस मामले को बाबाओं तक सीमित करने की कोशिश में थी। लेकिन बुधवार को भाटिया परिवार का मकान बनाने वाले मिस्त्री ने सामने आकर इन तमाम टोने-टोटके को पूरी तरह खारिज कर दिया है। मिस्त्री का कहना है कि घर में लगाए 11 पाइप और लोहे की रॉड महज इत्तेफाक हैं। अपराध शाखा की प्रतिदिन घटनास्थल की जांच और रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसियों और दिल्ली से बाहर रहने वाले उनके परिचितों में से करीब सौ लोगों से हो रही पूछताछ के बाद पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
अपराध शाखा को जिस तरह चार दिनों से एक के बाद एक कई रजिस्टर मिले और पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों की शुरुआती अनुशंसा मिली उससे पुलिस इसी दिशा में काम कर रही है कि यह मामला पूरी तरह से सामूहिक खुदकुशी का प्रतीत हो रहा है। पुलिस इस बिंदु को मुख्य मानकर जांच के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से राय ली है। इस राय में कहा गया है कि भाटिया परिवार के किसी मनोरोग से ग्रस्त रहने के संकेत मिलते हैं। इस डर के बहकावे में सामूहिक खुदकुशी जैसा रूप सामने आ गया। हालांकि जांच में कोई बिंदु छूट न जाए इसलिए पुलिस अब साइकोलॉजिकल अटॉप्सी की योजना बना रही है। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि उस रात आखिर क्या हुआ होगा।
इस तकनीक का इस्तेमाल सुनंदा पुष्कर और आरुषि तलवार हत्याओं के मामलों में किया गया था। बता दें कि यह दोनों मामला अभी तक अनसुलझा है। बताया जा रहा है कि पुलिस विद्या सागर इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड न्यूरो साइसेंज के विशेषज्ञों से राय लेकर इसे सामूहिक खुदकुशी के बिंदुओं से जांचने की योजना बनाई है। मंगलवार को मिले रजिस्टर से यह बात साफ हो गई है कि ललित पूरी तरह से अपने पिता की तरह बातें कर घर के दूसरे सदस्यों पर उसे थोपने की कोशिश करता था। बुराड़ी सामूहिक मौत मामले में बुधवार को तब पुलिस पसोपेश में पड़ गई जब भाटिया परिवार का मकान बनाने वाले मिस्त्री ने सामने आकर कहा कि वह बीते एक साल से इस परिवार को नजदीक से जानता है।
उसने कहा कि घर में जो 11 पाइप या लोहे की छड़ें लगी हुई हैं उसका जादू टोने से कोई लेना देना नहीं है। यह महज एक इत्तेफाक है कि घर बनाने के समय यहां 11 पाइपें लग गर्इं। मिस्त्री का यह भी कहना है कि पूरा परिवार सादगी, शांत स्वभाव और मिलनसार था। दिन-रात काम करने के दौरान भी उसे कभी यह आभास नहीं हुआ कि वे इस कदर धार्मिक अंधविश्वास में जादू टोने के कारण सामूहिक खुदकुशी कर लेंगे। अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार का कहना है कि जांच की दिशा कई बिंदुओं पर टिकी हुई है। इस समय कुछ भी नतीजा नहीं निकाला जा सकता। लेकिन बहुत जल्द मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।