एक पैसा कम हुआ पेट्रोल का दाम, पहले गलती से बता दिया था 60 पैसे

उपभोक्‍ताओं के चेहरे पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की खुशी ज्‍यादा देर तक नहीं टिक सकी। दरअसल, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर क्रमश: 60 पैसे और 56 पैसे (दिल्‍ली में) की कटौती करने की खबर आई थी। पेट्रोलियम उत्‍पादों की बढ़ती कीमतों से परेशान हाल आम लोगों के लिए यह राहत वाली सूचना थी। लेकिन, आईओसीएल की ओर से कुछ देर बाद ही स्‍पष्‍टीकरण भी आ गया। पेट्रोलियम कंपनी ने बताया कि आधिकारिक वेबसाइट में गड़बड़ी आने के कारण यह खबर सामने आई। कंपनी ने स्‍पष्‍ट किया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 60 और 56 पैसे नहीं, बल्कि सिर्फ 1 पैसे की कटौती की गई है। कर्नाटक चुनावों के बाद से पेट्रोलियम उत्‍पादों में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले 15 दिनों में पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 3.8 रुपये और डीजल के दाम 3.38 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं। बता दें कि सेल्‍स टैक्‍स और वैल्‍यू एडेडे टैक्‍स (वैट) की दरें राज्‍यवार अलग-अलग हैं। महानगरों में दिल्‍ली में टैक्‍स की दर सबसे कम है।

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमत में वृद्धि के कारण भारतीय खुदरा बाजार पर भी इसका असर पड़ा था। वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था से तालमेल बिठाने की कवायद के तहत भारत ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सिंगापुर के गैसोलीन प्राइस जीएल95-एसआईएन और अरब गल्‍फ प्राइस गो-एजी से जोड़ दिया है। पेट्रोलियम उत्‍पादों से जुड़े ये दोनों इंडेक्‍स कच्‍चे तेल (एलसीओसी-1) की कीमतों में वृद्धि या कमी को प्रदर्शित करते हैं। यही वजह है कि अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कच्‍चे तेल की कीमत बढ़ने से घरेलू बाजार भी प्रभावित होता है। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अस्थिरता की आशंका के चलते पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही थी। अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद कच्‍चे तेल की कीमतों में तेजी आई थी और यह वर्ष 2014 के बाद के सबसे ऊंचे स्‍तर पर पहुंच गया था। इसके कारण भारत में भी पेट्रोलियम उत्‍पादों की कीमत भी पांच वर्षों के उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच गया था। बाजार की हालत को देखते हुए रूस और सऊदी अरब ने कच्‍चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने की बात कही है। इसके बाद कीमतों में कमी आनी शुरू हुई है।

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