एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले से चल रहे संस्थान को किया “राष्ट्र को समर्पित”
मंगलवार (17 अक्टूबर) को बीते एक पखवाड़े में पीएम नरेंद्र मोदी पर दूसरी बार पहले से कार्यरत एक संस्थान को “राष्ट्र को समर्पित” करने का आरोप लगा। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीएम मोदी ने मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) को “राष्ट्र को समर्पित” किया। हालांकि बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट और केंद्रीय आयुष मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीएम मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) का उद्घाटन किया। कई मीडिया संस्थानों ने भी इसे अपनी तरह का देश का पहला आयुर्वेद संस्थान बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन किया है। लेकिन अस्पताल की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार इस अस्पताल में साल 2010 से ही मरीज देखे जा रहे हैं। अस्पताल के ओपीडी का उद्घाटन 26 अक्टूबर 2010 को तत्कालीन यूपीए सरकार के स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण मंत्री एस गांधीसेल्वन ने किया था।
मीडिया विजिल नामक समाचार वेबसाइट ने इस अस्पताल में इलाज करा चुके एक मरीज की पर्ची की फोटो भी शेयर की है। रिपोर्ट करने वाले पत्रकार ने दावा किया है कि वो खुद भी इस अस्पताल में पिछले साल अपनी माँ का इलाज करा चुका है और उसे अस्पताल से मुफ्त दवाएं भी मिली थीं। अस्पताल की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार फरवरी 2004 में तत्कालीन उप-राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत ने इस अस्पताल की नींव रखी थी। अस्पताल का प्रस्ताव अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन एनडीए सरकार ने दिया था। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इसके लिए दिल्ली की मथुरा रोड पर 11 एकड़ जमीन दी थी।
इससे पहले पीएम मोदी तब ऐसी ही आलोचनाओं से घिरे थे जब सात अक्टूबर को उन्होंने आईआईटी गांधीनगर को “राष्ट्र को समर्पित” किया था। जबकि आईआईटी गांधीनगर की स्थापना साल 2008 में हुई थी और मौजूदा परिसर में वो साल 2015 से कार्यरत है। हालांकि आईआईटी गांधीनगर पर जारी एक बयान में मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा कि किसी भी परिसर को उद्घाटन के लम्बे समय बाद भी “राष्ट्र को समर्पित” किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब असम में बने देश के सबसे लम्बे पुल का और जम्मू-कश्मीर में बनी सबसे लम्बी सड़क-सुरंग का उद्घाटन किया तो उन पर मनमोहन सिंह सरकार की परियोजनाओं का उद्घाटन करके कांग्रेस नीत सरकार के काम के लिए वाहवाही लूटने के आरोप लगे थे।