एक साल बाद भी नजीब का नहीं लगा पता, मेरा बेटा कब तक मिल जाएगा?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद को गुमशुदा हुए आज एक वर्ष पूरा हुआ। बीते साल इसी 15 अक्तूबर को वह लापता हुआ था। अब तक कोई जांच एजंसी उसका सुराग नहीं पा सकी है। स्कूल आॅफ बायोटेक्नोलॉजी के छात्र नजीब के लापता होने से पहले उसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों से झगड़ा हुआ था।  वर्तमान में नजीब के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) कर रहा है। शुक्रवार से विभिन्न विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, नजीब की मां फातिमा नफीस और उनका परिवार सीबीआइ मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। नजीब की मां का कहना है कि वह सीबीआइ से यह पूछना चाहती हैं कि मामले की जांच कहां तक पहुंची और उनका बेटा उन्हें कब तक मिल जाएगा। शुक्रवार रात के बाद शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों ने सीबीआइ दफ्तर के सामने डेरा डाले रखा।

राज्यसभा सांसद शरद यादव ने भी शनिवार को सीबीआइ मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों और नजीब की मां से मुलाकात की। हालांकि मामला बढ़ता देख सीबीआइ के अधिकारियों ने शनिवार सुबह प्रदशर्नकारियों से मुलाकात की। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव रामा नागा ने बताया कि सीबीआइ के अधिकारियों ने कहा है कि वे सोमवार को हाईकोर्ट में स्थिति रिपोर्ट की देंगे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सीबीआइ बताए कि नजीब को खोजने और पूरे मामले में वे क्या कार्रवाई कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि सीबीआइ जांच शुरू होने के 5 महीने बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला है। दूसरी ओर, जेएनयू प्रशासन ने एक साल बाद भी नजीब अहम के बारे में कोई सुराग न मिलने पर चिंता जताई है। प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा है कि हम इस मामले पर चिंतित हैं। हम जांच एजंसी के लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और विश्वविद्यालय के अलग-अलग सेंटर के डीन और प्रोफेसरों से इस मामले पर राय मांगी है कि नजीब को खोजने के लिए क्या और उपाय किए जा सकते हैं।

 

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