एक सौ बीस घंटे में 32 हजार शौचालय तैयार कर बनाया कीर्तिमान

जिले की 1054 ग्राम पंचायतों में मात्र 120 घंटे में 32 हजार से अधिक शौचालय बनवाए जाने के साथ ही गोंडा ने एक नया कीर्तिमान बनाया है। देश की नामी संस्था इंडिया बुक्स आॅफ रेकॉडर्स के मुख्य संपादक विश्वजीत राय चौधरी ने सोमवार शाम जिला पंचायत सभागार में जिलाधिकारी जेबी सिंह को इस आशय का प्रमाणपत्र व मैडल सौंपा।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में गोण्डा का नाम देश के सबसे गंदे शहर के रूप में दर्ज होने के बाद से ही जिले के जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ अधिकारी इस बदनुमा दाग को धोने के लिए लगातार प्रयत्न कर रहे थे। जिलाधिकारी जेबी सिंह के निर्देशन में युवा आइएएस दिव्या मित्तल ने मुख्य विकास अधिकारी के रूप में ‘मिशन-32’ नामक एक कार्यक्रम तैयार किया, जिसके तहत 26 मार्च से 30 मार्च 2018 तक जिले के 16 विकास खंडों में दो-दो हजार शौचालय बनवाया जाना था। पंचायत राज समेत ग्राम विकास व गांवों में काम करने वाले सभी विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों को इस मिशन की सफलता की जिम्मेदारी सौंपी गई।

ग्राम प्रधानों के सहयोग से राज मिस्त्री व श्रमिकों को एकत्रित करके लाभाथिर्यों को स्वयं आगे आकर शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित किया गया। नतीजा सामने था। लोगों ने दिन रात मेहनत की और मात्र 120 घंटे में जिले में 32065 शौचालय बनकर तैयार हो गए। इसकी निगरानी के लिए जिले के तमाम नोडल अधिकारी व संस्था की एक टीम भी सप्ताह भर तक जिले में प्रगति का जायजा लेती रही। जिला पंचायत सभागार में सोमवार शाम आयोजित एक समारोह में इंडिया बुक्स आॅफ रेकॉर्डस के मुख्य संपादक विश्वजीत राय चौधरी ने जिलाधिकारी जेबी सिंह को प्रमाणपत्र व मैडल सौंपा।

चौधरी ने बताया कि यह रेकॉर्ड पुस्तक के 2018 संस्करण में प्रकाशित होगा। इससे पूर्व यह रेकॉर्ड आंध्र प्रदेश के नाम था, जहां 100 घंटे में 20 हजार शौचालय बनाए गए थे। जिलाधिकारी जेबी सिंह ने इस सफलता का श्रेय जिले की जनता, ग्राम प्रधानों, पंचायत सचिवों तथा स्वच्छाग्राहियों को दिया। ‘मिशन-32’ का तानाबाना बुनने वाली मुख्य विकास अधिकारी दिव्या मित्तल ने इस उपलब्धि को जिले की जनता को सौंपते हुए कहा कि अब गोंडा की पहचान देश के सबसे गन्दे नहीं, बल्कि सबसे स्वच्छ शहर के रूप में होगी।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह, विधान परिषद सदस्य महफूज खां, सांसद प्रतिनिधि संजीव सिंह व रमाशंकर मिश्र, डीडी पंचायत एके सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस मिशन की सबसे बड़ी बात यह रही कि लाभाथिर्यों ने जिलाधिकारी की इस पहल को सर आंखों पर लिया और बिना प्रोत्साहन राशि मिले ही मिशन को कामयाब बनाने में जी जान लगा दी। इस अभियान में शानदार काम करने वाले प्रत्येक ब्लाक के दो-दो लाभाथिर्यों को अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर सभी उपजिलाधिकारी समेत नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति व बुद्धिजीवी आदि मौजूद रहे।

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