एनजीटी से दिल्ली सरकार ने दोपहिया व महिलाओं के लिए छूट मांगी
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से सम-विषम योजना के तहत दोपहिया वाहनों व महिलाओं को प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखने की मांग की है। उसने एनजीटी के समक्ष पेश अपने आवेदन में कहा है कि अधिकरण को गत 11 नवंबर को दिए अपने आदेश में संशोधन करना चाहिए। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दायर आवेदन में योजना से महिला चालकों को छूट देने की मांग करते हुए कहा गया
है कि इससे महिलाओं की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। इसने मांग की कि एक साल के लिए छूट की अनुमति दी जाए, जब तक सरकार लाखों यात्रियों से निपटने के लिए दो हजार बस नहीं खरीद लेती है। सरकार के आवेदन में कहा गया है कि योजना को लागू करने से दोपहिया चालकों को काफी परेशानी होगी। इससे महिला चालकों की सुरक्षा भी प्रभावित होगी। इस आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि अगर छूट वाली सूची से महिला चालकों को छूट नहीं दी जाती है तो संभावना है कि महिला यात्री भीड़भाड़ वाली बसों में यात्रा करने में सहज महसूस नहीं करेंगी। यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक बसों में भीड़भाड़ के कारण महिला यात्री सुरक्षा कारणों से बसों में सवारी करने से बचना चाहेंगी, इसलिए योजना का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सरकार ने सम-विषम योजना से दोपहिया वाहनों और महिला चालकों को एक साल तक या दो हजार से अधिक बसों की खरीदारी पूरी होने तक छूट देने की मांग की।
गत 11 नवंबर को एनजीटी ने आम आदमी पार्टी सरकार को सम-विषम योजना को 13 नवंबर से पांच दिनों के लिए सशर्त लागू करने को मंजूरी दी थी और आदेश दिया था कि किसी भी व्यक्ति या अधिकारी और दोपहिया वाहनों को छूट नहीं दी जानी चाहिए। अधिकरण ने यह भी कहा था कि 48 घंटे की अवधि में जैसे ही पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 10 स्तर 500 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर और पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से ज्यादा हो जाता है तो सम-विषम योजना को बिना किसी चूक के लागू किया जाना चाहिए। एनजीटी की ओर से दोपहिया वाहनों व महिलाओं को छूट नहीं दिए जाने के बाद सरकार ने बीते शनिवार को सम-विषम लागू करने की योजना को रद्द कर दिया था। एनजीटी ने कहा था कि महिलाओं, दोपहिया वाहनों और दिल्ली के नौकरशाहों को इससे छूट नहीं मिलेगी जिसके बाद इसे खत्म किया गया था। इससे पहले दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनकी सरकार लगातार प्रदूषण स्तर की निगरानी कर रही है और पर्यावरण वैज्ञानिकों के भी संपर्क में है। राय ने कहा कि ट्रकों की आवाजाही और निर्माण कार्य पर नजर रखी जा रही है। पानी का छिड़काव किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में करीब एक हफ्ते से जहरीली धुंध छाई हुई है जिसके बाद अधिकारी आपातकालीन उपाय लागू करने को बाध्य हुए जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण कार्य और ईंट-भट्ठों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।