एनडीए के लिए क्रॉस वोटिंग के आरोप पर भड़का यूपीए का यह विधायक, कहा- सार्वजनिक करो मेरा वोट

राज्यसभा चुनाव के वक्त भाजपा नीत एनडीए समर्थक उम्मीदवार को वोट देने के आरोप पर यूपीए गठबंधन के विधायक अरूप चटर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विधायक ने चुनाव आयोग (EC) से मांग की है कि उनका वोट सार्वजनिक किया जाए। झारखंड के निरसा से मार्क्सिस्‍ट कोऑर्डिनेशन काउंसिल (MCC) के विधायक ने बुधवार (28 मार्च, 2018) को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि उनका निर्दलीय वोट सार्वजनिक किया जाए। इससे पता चल सकेगा कि उन्होंने वोट यूपीए उम्मीदवार को दिया है। चटर्जी ने दावा किया कि उनका राजनीतिक जीवन एक स्कैनर की तरह है।

रिपोर्ट के अनुसार, विधायक का पत्र निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिया गया है, जिसे आगे भेजा जाएगा। बता दें कि 23 मार्च को हुए राज्यसभा चुनाव के वक्त भाजपा नीत एनडीए अपने दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त मत नहीं जुटा पाई थी। हालांकि, संगठन अपने दोनों उम्मीदवारों समीर उरांव और प्रदीप सोंथालिया के लिए 52 वोट जुटाने में कामयाब रहा था। बाद में आए चुनाव परिणाम में भाजपा के उरांव और कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू को विजयी घोषित किया गया था, परिणाम करीब 15 घंटे की देरी के बाद सामने आए।

चटर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि चुनाव के वक्त पार्टी की तरफ से वह एक मतदान एजेंट चाहते थे, लेकिन उनसे कहा गया कि यह व्यवस्था सिर्फ मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए है। उन्होंने आगे कहा, “अब अटकलें हैं कि मैंने यूपीए उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया है। यह सच नहीं है। यह हमारे जैसे (छोटी पार्टियों) लोगों के साथ यह हो रहा है, जिन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं। अगर मेरा दुर्भावनापूर्ण इरादा था तो मैं बहुत पहले भाजपा या कांग्रेस में शामिल हो सकता था। पिछली बार भी इस तरह खबरें सामने आईं थीं।”

बता दें कि इससे पहले भी साल 2016 में प्रत्यक्ष संख्या नहीं होने पर भाजपा उम्मीदवार जब दोनों सीटों पर विजयी घोषित किए गए तो चटर्जी को मीडिया में स्पष्टीकरण जारी कर कहना पड़ा था कि उन्होंने भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में मतदान नहीं किया।

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