एनडीए छोड़नेवाले टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू बोले- ‘ब्रिटिश हुकूमत’ जैसी है मोदी सरकार, हर धोखे का लेंगे बदला

एनडीए से बाहर निकलने वाली तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ‘ब्रिटिश हुकूमत’ जैसी है। गुरूवार (12 अप्रैल) को पार्टी नेताओं और अपनी कैबिनेट के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, “पीएम मोदी ने हमारी भावनाओं के साथ चार साल तक खिलवाड़ किया है लेकिन अब वक्त आ गया है कि इस धोखे के बदले उन्हें सबक सिखाया जाय। क्या आपलोगों ने इतिहास में आजतक देश के किसी भी प्रधानमंत्री को अनशन करते देखा है? वो दरअसल, संसद को नहीं चला पाने में अपने निकम्मेपन को छुपाना चाहते हैं और हमारे प्रदेश के लोगों पर इसका ठीकरा फोड़ना चाहते हैं। वो अपनी राजनीतिक भूख के लिए अपने पार्टी नेताओं को हमारे खिलाफ भड़काना चाहते हैं।”

नायडू ने पार्टी नेताओं के साथ 16 अप्रैल को प्रस्तावित साइकिल रैली और जनसभा पर भी चर्चा की। उन्होंने पार्टी नेताओं से लोगों को मोदी सरकार से विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर मिले धोखे के बारे में बताने को कहा है। उन्होंने इस मौके पर मोदी सरकार से राजनीतिक युद्ध की घोषणा कर दी है। बता दें कि विशेष राज्य के दर्जे पर टीडीपी और बीजेपी के बीच दिनों-दिन रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं और दोनों दलों के दूरियां बढ़ती जा रही हैं। नायडू ने बीजेपी द्वारा देशभर में आयोजित एक दिवसीय उपवास पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि यह संसद के बजट सत्र में कोई कामकाज न करा पाने की सरकारी विफलता छुपाने के लिए बुलाया गया था।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएम को पीएम मोदी ने संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया गया? नायडू ने कहा कि जान-बूझकर इस मामले में एआईएडीएमको को इसमें शामिल किया गया और गतिरोध खड़ा किया गया ताकि कर्नाटक चुनावों से पहले बीजेपी को राजनीतिक फायदा मिल सके। नायडू ने आरोप लगाया कि अन्य दलों को भी विशेष राज्य का दर्जा की मांग करने के लिए बीजेपी ने उकसाया है। उन्होंने कहा कि राज्य बंटवारे के वक्त संसद में यह एलान किया गया था, बावजूद इसके आंध्र प्रदेश को उसका हक नहीं दिया जा रहा है। 16 अप्रैल को राज्य में विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए बंद पर पार्टी नेताओं को अलर्ट रहने को कहा है और निर्देश दिया है कि राज्य के निवासियों को कोई परेशानी न हो पाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ हर तरह के बंद या आंदोलन सिर्फ दिल्ली में ही होने चाहिए।

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