एनसीपीसीआर करा रहा सर्वेक्षण, स्कूलों में कितने सुरक्षित हैं मासूम

गुरुग्राम के रेयान स्कूल में बच्चे की मौत और उसके अगले ही दिन दिल्ली के गांधीनगर में एक निजी स्कूल में बच्ची के साथ बलात्कार की घटना के मद्देनजर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) देश के पांच फीसद स्कूलों में सुरक्षा उपायों को लेकर सर्वेक्षण करवा रहा है। इसके तहत हर राज्य के लिए अलग-अलग रिपोर्ट कार्ड तैयार होंगे और स्कूली सुरक्षा पर देश की पहली वार्षिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। आयोग के मुताबिक, 20 राज्यों में सर्वेक्षण पूरा हो गया है और अक्तूबर तक रिपोर्ट तैयार होने की संभावना है।

देश का भविष्य संवारने वाले स्कूलों में पिछले एक हफ्ते में जिस तरह की घटनाएं सामने आई हैं उससे अभिभावक दहशत में हैं। इन्हीं के मद्देनजर एनसीपीसीआर ने इस साल की शुरुआत में देश के निजी और सरकारी स्कूलों में सुरक्षा उपायों की स्थिति का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण शुरू किया। इसके तहत देश के 5 फीसद यानी लगभग 70 हजार निजी और सरकारी स्कूलों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा सैंपल है जिसको लेकर सर्वेक्षण शुरू किया गया है और अक्तूबर तक रिपोर्ट तैयार हो जाने की संभावना है।

सर्वेक्षण के बाद स्कूली सुरक्षा पर पहली वार्षिक रिपोर्ट ‘नेशनल एनुअल रिपोर्ट आॅफ सेफ एंड सिक्योर स्कूल एन्वायरनमेंट इन इंडिया’ तैयार की जाएगी। कानूनगो ने बताया, ‘हर राज्य पर अलग-अलग रिपोर्ट कार्ड लाया जाएगा। रिपोर्ट में सुरक्षित स्कूल वातावरण के अलग-अलग सूचकों पर जिलावार और राज्यवार आंकड़े, उनका विश्लेषण और अनुशंसाएं होंगी। हमारा मानना है कि सरकार इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर अपने यहां प्रोटोकॉल बनाए व नीतियां तैयार करे। आयोग सर्वेक्षण के परिणाम को आधार मानते हुए सभी राज्यों को जरूरी उपायों का सुझाव देगा’। एनसीपीसीआर ने सर्वेक्षण के लिए 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 675 जिलों के पांच फीसद निजी प्राथमिक स्कूलों (16442) और पांच फीसद सरकारी प्राथमिक स्कूलों (54037) का चयन किया है। इन स्कूलों में सुरक्षित वातावरण के लिए मौजूद उपायों की जानकारी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, एसएसए (सर्व शिक्षा अभियान) के जिला कार्यक्रम संयोजक और जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डीआइईटी) प्रिंसिपल और बच्चों से सवाल पूछे हैं। इसके साथ ही तैयार की जा रही नई शिक्षा नीति के संदर्भ में विद्यार्थियों और शिक्षकों से सुझाव भी मांगे गए हैं। देशभर में कुल 1080757 सरकारी प्राथमिक स्कूल हैं और 328845 निजी प्राथमिक स्कूल हैं। आयोग ने स्कूली सुरक्षा का अर्थ का ऐसा वातावरण तैयार करना माना है, जिसमें बच्चे घर से सुरक्षित निकलकर स्कूल जाएं और सुरक्षित वापस घर आएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *