एमए बेबी को सीपीएम ने चुना महासचिव, कितनी बड़ी हैं विरासत में मिली चुनौतियां

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का 24वां राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार को तमिलनाडु के मदुरै में संपन्न हुआ. इसमें पार्टी ने एमए बेबी के नाम से मशहूर मरियम अलेक्जेंडर बेबी को अपना नया महासचिव चुनाव. पिछले साल सितंबर में सीताराम येचुरी के निधन के बाद महासचिव का पद खाली था. पूर्व महासचिव प्रकाश करात अंतरिम समन्वयक के रूप में काम रहे थे. बेबी माकपा के ऐसे पहले महासचिव हैं, जो अल्पसंख्यक समाज से आते हैं. बेबी ने ऐसे समय में माकपा की कमान संभाली है, जब पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी काफी बड़ी है.महासचिव चुने जाने के बाद बेबी ने खुद को पार्टी का आज्ञाकारी सिपाही बताया. आइए जानते हैं कि कौन हैं एमए बेबी और कैसा रहा है उनका राजनीतिक सफर.  

एमए बेबी का राजनीतिक सफर

बेबी का जन्म पांच अप्रैल 1954 को केरल के कोल्लम जिले के प्रक्कुलम में पीएम अलेक्जेंडर और लिली अलेक्जेंडर के घर हुआ था.उनकी शुरूआती पढ़ाई प्रक्कुलम में ही हुई. उन्होंने एसएन कॉलेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक की डिग्री के लिए पढ़ाई की, लेकिन वो अंतिम परीक्षा नहीं दे पाए थे.  बेबी अपने छात्र जीवन में ही केरल स्टूडेंट्स फेडरेशन में शामिल हो गए थे. यही संगठन आगे चलकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) बना. आपातकाल के दौरान बेबी को गिरफ्तार भी किया गया था. वह 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. जिस समय बेबी राज्य सभा गए, उस समय उनकी आयु केवल 32 साल थी.