एमपी अजब है: पत्‍नी खुले में शौच गई तो पति हो गया सस्‍पेंड, एक टीचर पहले ही हो चुका निलंबित

मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग का एक बड़ा लोकप्रिय स्लोगन रहा है, “एमपी अजब है सबसे गजब है”। इस स्लोगन ने पर्यटकों को चाहे जितना लुभाया हो, मगर यह स्लोगन राज्य की हकीकत भी बताता है, तभी तो पत्नी के खुले में शौच जाने की सजा शिक्षक पति को मिली और उसे निलंबित कर दिया गया। इससे पहले एक शिक्षक को भी यहां खुले में शौच जाने पर निलंबित किया जा चुका है। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरिजन कॉलोनी रांवासर में पदस्थ सहायक अध्यापक प्रकाश प्रजापति की पत्नी माखन बाई को स्वच्छता मिशन का उल्लंघन करते पाया गया, वह खुले में शौच गई, जिसके बाद उसके पति प्रकाश को निलंबित कर दिया गया।

जिला शिक्षाधिकारी आदित्य नारायण मिश्रा ने बुधवार को आईएएनएस से चर्चा के दौरान बताया, “जिलाधिकारी ने सभी शासकीय कर्मचारियों को स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में सहयोग के निर्देश दिए है। इस स्थिति में घर में शौचालय होने के बावजूद पत्नी बाहर शौच के लिए जाती है, जिससे यही प्रतीत होता है कि संबंधित शिक्षक अपनी पत्नी को ही जागरूक नहीं कर सका, तो वह समाज को कैसे जागरूक कर पाएगा। लिहाजा उसे निलंबित किया गया है, ताकि अन्य लोगों के लिए यह सीख बने।”

इससे पहले अशोकनगर में ही शासकीय प्राथमिक विद्यालय बुढ़ेरा के सहायक अध्यापक महेंद्र सिंह यादव को खुले में शौच जाने पर सोमवार को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन आदेश में कहा गया कि, “शासन की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन करते हुए घर के शौचालय का उपयोग न कर ये लोग खुले में शौच के लिए गए। शासकीय कर्मचारी द्वारा शासन के निर्देषों की अवहेलना किया जाना कदाचार की श्रेणी में आता है। लिहाजा उन्हें निलंबित किया जाता है।”

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के द्वारा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी। इसे भाजपा सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बताया गया था। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत लक्ष्य रखा गया है कि 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को खुले में शाैचालय से मुक्त कर दिया जाएगा। सरकार से अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना को काफी जोर-शोर से प्रचारित भी किया है

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