एमपी: पटवारी के पास मिली 18 करोड़ की संपत्ति, रिश्तेदारों के नाम पर खरीद रखी थी जमीनें
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक पटवारी के ठिकानों पर छापेमारी में करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ। गुरुवार (30 अगस्त) को लोकायुक्त पुलिस ने श्रीनगर मेन में आरोपी पटवारी और उसके मामा के घर सहित छह ठिकानों पर छापे मारे। आरोपी जाकिर हुसैन का 2003 में पटवारी पद पर चयन हुआ था। 2005 में उसकी नियुक्ति हुई। 13 साल की नौकरी में उसकी कमाई 18 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी, मगर जब पुलिस ने छापा मारा तो दंग रह गई। विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी में पांच लाख रुपये नकदी के अलावा मकान, जमीन, गहने आदि बरामद किए गए। इनका बाजार मूल्य 18 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
शाजापुर के मूल निवासी जाकिर की पहली तैनाती उसके अपने इलाके में ही हुई थी। 3 साल बाद उसने अपना तबादला इंदौर करा लिया। तब से वह यहीं पर तैनात हैं। इस समय जाकिर का वेतन 30 हजार रुपये महीना है। नियुक्ति के बाद से अब तक उसकी आय करीब 35 लाख रुपये होती है।
लोकायुक्त पुलिस के अधीक्षक दिलीप सोनी ने बताया कि श्रीनगर एक्सटेंशन में रहने वाले पटवारी जाकिर हुसैन के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने भ्रष्ट तरीकों से बड़े पैमाने पर संपत्ति अर्जित की है। इस शिकायत पर उसके घर और उसके नजदीकी रिश्तेदारों के परिसरों समेत कुल छह ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गये। उन्होंने बताया कि सरकारी सेवा में वर्ष 2005 में भर्ती हुसैन को फिलहाल करीब 35,000 रुपये का मासिक वेतन मिलता है। लेकिन लोकायुक्त पुलिस के छापों में पटवारी द्वारा बड़े पैमाने पर बेहिसाब संपत्ति बनाने के सबूत मिले हैं। इस मिल्कियत का मूल्य वैध जरियों से उसकी आय के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
सोनी ने बताया कि छापों में पटवारी के घर से लगभग पांच लाख रुपये की नकदी और सोने-चांदी के जेवरात बरामद किये गये हैं। उसके पास दो चारपहिया वाहन हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हुसैन की अचल सम्पत्तियों में एक फ्लैट, आवासीय टाउनशिप में 3,000 वर्ग फुट का बंगला, एक दुकान, दो भूखंड और दो बीघा जमीन भी शामिल हैं। ये अचल संपत्तियां इंदौर, उज्जैन और शाजापुर जिलों में हैं। उन्होंने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को पटवारी और उसके नजदीकी रिश्तेदारों के करीब 20 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है जिनमें बड़ी रकम जमा होने का संदेह है। बैंक अधिकारियों से अनुरोध कर इन खातों से लेन देन पर अस्थायी रोक लगा दी गयी है।
लोकायुक्त पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संदेह है कि हुसैन ने कुछ अचल संपत्तियां अपने मामा और अन्य नजदीकी रिश्तेदारों के नाम से खरीद रखी हैं, ताकि वह अपनी कथित काली कमाई को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगाह से बचा सके। मामले में विस्तृत जांच और सरकारी कर्मचारी की बेहिसाब संपत्ति का मूल्यांकन जारी है।