एमपी में नहीं हटा रोड़ा, यूपी में पक्की हुई माया, राहुल, अखिलेश, अजित सिंह की डील!
सबसे ज्यादा 80 सांसद चुनकर लोकसभा भेजने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आगामी आम चुनावों के मद्देनजर महागठबंधन की डील पक्की हो गई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच यह पक्का हो गया है कि आगामी चुनाव ये सभी दल मिलकर लड़ेंगे। हालांकि, अभी इन दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी है। बावजूद इसके माना जा रहा है कि दलित वोट बैंक वाली मायावती की बसपा सबसे ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही संकेत दे चुके हैं कि भले ही उन्हें कुछ सीटें कुर्बान करना पड़े लेकिन वो हर हाल में महागठबंधन बनाकर रहेंगे। पिछले उप चुनावों के नतीजों ने सपा-बसपा की दोस्ती पर न सिर्फ मुहर लगाई है बल्कि रालोद को भी पाले में लाकर यह साबित किया है कि अगर वो एकजुट रहे तो साल 2019 में पीएम मोदी और भाजपा की राह आसान नहीं होगी।
एनडीटीवी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है, जबकि अजित सिंह की रालोद को तीन सीटें मिल सकती हैं। सपा 32 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, बाकी बची सीटें यानी 37 सीटों पर बसपा अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। हालांकि, कांग्रेस दस लोकसभा सीटों की मांग कर रही है। यूपी कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि अभी भी गठबंधन की प्रक्रिया जारी है। यूपी में डील पक्की होने का अर्थ इससे भी लगाया जा रहा है कि आगामी विधान सभा चुनावों में भी ये गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा। हालांकि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बसपा के बीच अभी तक डील पक्की नहीं हो सकी है। मध्य प्रदेश के 230 सीटों वाली विधानसभा के लिए बसपा जहां 50 सीटों की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस बसपा को 22 से 30 सीटें देने पर विचार कर रही है।
कांग्रेस यूपी के अलावा बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल में भी सहयोगी दलों के साथ गठबंधन करीब-करीब फाइनल कर चुकी है। बिहार में कांग्रेस राजद के साथ गठबंधन में है, जबकि झारखंड में झामुमो, महाराष्ट्र में एनसीपी और तमिलनाडु में डीएमके के साथ प्रमुख रूप से गठबंधन कर रही है। इन राज्यों में कुछ छोटे-छोटे दलों को भी गटबंधन में शामिल करने पर बातचीत चल रही है। केरल में कांग्रेस लेफ्ट के साथ तो पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है।