एमपी: रेत माफिया की दबंगई, अवैध खनन रोकने गए अधिकारी को ट्रैक्टर के नीचे कुचला
मध्य प्रदेश के मुरैना में अवैध खनन कर ले जाई जा रही रेत से भरे एक ट्रैक्टर को रोकने एक वन अधिकारी को कथित तौर पर कुचल कर मारा डाला गया। वारदात शुक्रवार (7 सितंबर) की सुबह की है। जब यह वारदात हुई तब डेप्युटी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा मुरैना के घिरोना मंदिर के पास वन विभाग की चौकी पर तैनात थे। राजधानी भोपाल से इस इलाके की दूरी लगभग 480 किलोमीटर है। एचटी की खबर के मुताबिक मोरेना जिला पुलिस प्रमुख अमित संघी ने बताया कि अधिकारी को कुचलने के बाद ट्रैक्टर ट्रॉली का ड्राइवर वाहन लेकर फरार हो गया। आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि अधिकारी ने अवैध रूप से खनन की गई बालू से लदे ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की थी लेकिन ट्रैक्टर चालक ने रफ्तार बढ़ा दी और वह उसके पिछले पहिए के नीचे आ गए। पुलिस अधिकारी के मुताबिक कुशवाहा को वन सुरक्षाकर्मी अस्पताल ले गए लेकिन उससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।
मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में अक्सर खनन माफियाओं के द्वारा पुलिस, वन और राजस्व अधिकारियों को निशाना बनाए जाने की खबरें आती रहती हैं। इस वर्ष मार्च में एक समाचार चैनल के पत्रकार संदीप शर्मा ने कथित तौर पर चंबल क्षेत्र में पुलिस और रेत माफिया के बीच सांठगांठ का खुलासा किया था, जिसके बाद भिंड जिले में डंपर से कुचले जाने पर उनकी मौत हो गई थी। पिछले वर्ष आईएएस अधिकारी सोनिया मीणा ने छतरपुर जिले की सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट के तौर पर बेतवा नदी में किए जा रहे अवैध खनन की जांच करने का कदम उठाया तो खनन माफियाओं ने बंदूक दिखाकर उन्हें धमकाया था। बाद में उन्हें मौत की धमकी मिली थी जिसके बारे में उन्होंने मुख्य सचिव बीपी सिंह को शिकायत की थी।
2016 में एक फॉरेस्ट गार्ड नरेंद्र शर्मा को उस वक्त कुचल दिया गया जब उसने एक ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने की कोशिश की। साल भर पहले धर्मेंद्र चौहान नाम के कॉन्सटेबल के साथ भी ऐसी ही वारदात को अंजाम दिया गया था। मार्च 2012 में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार ने मुरैना के बनमोर में अवैध खनन किए गए पत्थरों से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने की कोशिश की थी, उन्हें भी कुचल कर मार डाला गया था।