एम्स के हवाले होगा नोएडा बाल चिकित्सालय और पीजी संस्थान!

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से सेक्टर-30 स्थित सुपर स्पेशियलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (एसएससीएचपीजीआइ) के अधिग्रहण की अटकलें साफ होती दिखाई दे रही हैं। नोएडा में सरकारी स्तर पर विश्वस्तरीय चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के इस महत्त्वपूर्ण मामले पर 26 दिसंबर को बैठक होनी है। बैठक में नोएडा, स्वास्थ्य विभाग और उप्र सरकार के आला अधिकारी भाग लेंगे। माना जा रहा है कि जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के बाद इस अस्पताल को एम्स के अधीन किए जाने का फैसला क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।  फिलहाल एसएससीएचपीजीआइ के एक हिस्से में जिला अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। अगर एम्स इसका अधिग्रहण करेगा, तब जिला अस्पताल को अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा। हालांकि सेक्टर-39 में अत्याधुनिक जिला अस्पताल की इमारत बनाई जा रही है, जिसके तैयार होने के बाद जिला अस्पताल यहां स्थानांतरित किया जाना है, लेकिन इसका निर्माण पूरा होने में एक साल से ज्यादा समय लगने की उम्मीद है। ऐसे में जिला अस्पताल को तुरंत स्थानांतरित करना एक चुनौती है क्योंकि यहां के ओपीडी में ही रोजाना 1500 से ज्यादा मरीज आते हैं। दूसरी तरफ, बाल चिकित्सालय की क्षमता 300 बिस्तरों की है। अभी जितनी जगह में इसे संचालित किया जा रहा है, वहां पर इतने बिस्तर लगाना संभव नहीं है। परिसर में ही इसके बगल वाली इमारत में जिला अस्पताल चल रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर एम्स इसका अधिग्रहण करेगा, तो वह पूरे परिसर को एक साथ लेना चाहेगा।

इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए 26 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है, जिसमें मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर चर्चा होनी है। पहला यह कि एम्स किस तरह से नोएडा स्थित पीजीआइ का अधिग्रहण करेगा, डॉक्टरों और पैरामेडिकल सदस्यों की तनख्वाह व अन्य सुविधाएं किस मद में होंगी और उनकी क्या शर्तें होंगी? दूसरा यह कि जिला अस्पताल की इमारत बनने तक इसका संचालन कहां होगा? और तीसरा यह कि अभी यह बाल चिकित्सालय है, पर एम्स के अधिग्रहण के बाद यहां कितनी उम्र तक के मरीज आ सकेंगे? बताया गया है कि बैठक में एम्स की तरफ से अस्पताल की निरीक्षण रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी।
बता दें कि मायावती ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में 2011 में नोएडा जिला अस्पताल को विश्व स्तर का बनाए जाने की घोषणा की थी। करीब 700 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद जब तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो पाता, इस बीच प्रदेश में सपा सरकार आ गई। सपा सरकार ने पूरे परिसर को जिला अस्पताल में तब्दील करने के बजाय बाल चिकित्सालय और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट संचालित करने की योजना बनाई। जिला अस्पताल के लिए सेक्टर-39 में विश्वस्तरीय इमारत बनाने का काम शुरू कराया गया।

 

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