एयरपोर्ट के अंदर जंगल का अहसास, देखिए नए गुवाहाटी एयरपोर्ट का नजारा
Tora Agarwala
यह काफी आश्चर्यजनक और निराशाजनक है कि गुवाहाटी हवाई अड्डा जो कि देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है, वहां दो एक्सरे मशीन हैं, दो बैगेज क्राउजल हैं, कभी न खत्म होने वाली पंक्ति दिखती है और शायद कभी काम नहीं करने वाली वातानुकूलित सेवा है। इतना कुछ होते हुए भी अब नया टर्मिनल बन रहा है, जिसमें 64 चेक इन काउंटर, 20 सेल्फ चेक इन कियोस्क और 6 अराइवल क्राउजल और एक वेलकम चेंज का वादा किया गया है। गुवाहाटी संभवता देश का इकलौता हवाई अड्डा है जो क्षेत्रीय केंद्र के तौर पर 6 राज्यों के लिए असम को घेरता है। खुद का एक्ट ईस्ट पॉलिसी का विभाग रखने वाला गुवाहाटी केंद्र की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के साथ दक्षिण पूर्व एशिया का व्यापार केंद्र बन गया है। फरवरी में असम सरकार ने गुवाहाटी से आसियान देशों के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू करने के लिए एयर एशिया से बात की थी। असम सरकार का यह कदम केंद्र की उड़ान द्वतीय योजना को राहत देता है जो क्षेत्रीय हवाई संपर्क को प्रोत्साहित करता है।
सरकारी सूत्रों की मानें तो आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन चीजें निश्चित रूप से पाइप लाइन में हैं। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि गुवाहाटी के लिए नई इंटीग्रेटेड टर्मिनल बिल्डिंग की आधारशिला पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री पी अशोक गजपति राजू और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जनवरी में रखी थी। टर्मिनल 42 एकड़ में फैला होगा और इसमें 100,000 वर्ग मीटर का एक निर्मित क्षेत्र होगा। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण नई दिल्ली के डिजाइन इंटरनेशनल फोरम के जरिये इस पर काम शुरू कर चुका है। डिजाइन इंटरनेशनल फोरम के पार्टनर आनंद शर्मा ने बताया कि ”हम एक आगमन अनुभव बनाना चाहते थे जिसमें सभी सात राज्यों की विरासत का प्रदर्शन किया गया। यात्री हवाई जहाज से उतरें तो क्षेत्र की कला और शिल्प द्वारा सजी दीवारों के साथ ऊंची जगह वाले नमस्कार लाउंज में उनका स्वागत हो।
बैगेज लेने वाली जगह तक जाने के लिए यात्रियों को इनडोर रेनफॉरेस्ट (चारदीवारी के वर्षावन) से गुजरना होगा। जो कि लगभग 90 फीट ऊंचा होगा। यह जगह बाहर लगे एक मोटे कांच से पृथक होगी। बैगेज एरिया तक पहुंचने में यात्री को एक शिल्प ग्राम के फीचर दिखेंगे। हमनें यहां वास्तव में स्थानीय कलाकारों से काम लिया है, इसलिए यात्री उनसे बातचीत कर सकते हैं और हो सकता है कि वे करघे पर अपने हाथ भी आजमा सकें। हवाई अड्डा जापानी कला ओरिगामी से प्रेरित है। टर्मिनल के मूर्ति कला केंद्र में ग्रीक देवता इकारस का प्रभाव दिखेगा। वहां असम के चाय बागानों की कलाकृतियों वाले लैंडस्केप होंगे। हम यथासंभव टिकाऊ होने की कोशिश कर रहे हैं। आउटडोर कार पार्क में फोटोवोल्टिक पैनल्स 500 किलोवाट सौर ऊर्जा तैयार करेंगे।
हवाई अड्डा एकीकृत आवास मूल्यांकन की ग्रीन रेटिंग (GRIHA) मापदंडों में चार सितारा के अनुरूप होगा। हवाई अड्डे में वर्षा का जल संचित करने की भी सुविधा होगी, इस प्रकार एकत्र किए गए पानी का उपयोग आसपास की जगहों की सिंचाई के लिए किया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के तहत चला तो जिस नए टर्मिनल के लिए पिछले महीने काम शुरू हुआ है, उसका निर्माण 36 महीनों में हो जाएगा। मौजूदा संरचना को हाल ही में एक विस्तार मिला है। वर्तमान के आंकड़ों के मुताबिक प्रति वर्ष यह हवाई अड्डा लगभग 38 लाख यात्रियों को संभालता है और केवल एक अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन है – भूटान की ड्रक एयर गुवाहाटी से होते हुए पारो से बैंकाक तक उड़ानें की सेवा देती है।”