एयरसेल-मैक्सिस केस में कोर्ट ने लगाई 10 जुलाई तक लगाई पी.चिदंबरम को गिरफ्तार करने पर रोक
एयरसेल-मैक्सिस डील केस में कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को अंतरिम राहत मिली है। दिल्ली की पटिलायाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 10 जुलाई तक रोक लगा दी। कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय उन्हें इस तारीख तक गिरफ्तार नहीं कर सकेगा। चिदंबरम पर इस मामले में नियमों की अनदेखी करने का आरोप है।
कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। चिदंबरम के बेटे के खिलाफ भी इसी दिन सुनवाई होगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट से विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 10 जुलाई तक की मोहलत मांगी है। चिदंबरम ने इससे पहले गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।
2जी स्पेक्ट्रम केस से जुड़े इस मामले में साल 2011 और 2012 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने दो मामले दायर किए थे, जिनमें कोर्ट पहले ही पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम को राहत दे चुका था। ईडी ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली कार्ति की याचिका पर बहस के लिए वक्त की मांग की थी, जिस पर उन्हें राहत दी गई थी।
ईडी ने तीन अप्रैल को एयरसेल-मैक्सिस डील के संबंध में जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। वहीं, सीबीआई ने बीते 15 मई को प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि साल 2007 में आईएनएक्स मीडियो को 305 करोड़ रुपए के विदेशी लेने के लिए एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित तौर पर अनियमिताएं हुई थीं। चिदंबरम उस दौरान केंद्र सरकार में मंत्री थी, लिहाजा ईडी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
यह है पूरा मामला: जाने माने वकील व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट एक याचिका दी थी। उन्होंने उसमें आरोप लगाया था कि एयरसेल-मैक्सिस डील में तब के वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बगैर ही डील को हरी झंडी दे दी थी। यह पूरी डील तकरीबन 3500 करोड़ रुपए में हुई थी। नियमानुसार तब चिदंबरम 600 करोड़ रुपए तक की डील को हां कह सकते थे। फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) ने तब फाइल उन्हें बढ़ाई थी, जिसे उन्हें मंजूर कर दिया था।