एयरसेल-मैक्सिस सौदा: सीबीआई ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को किया तलब
केन्द्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई ने 2006 में एयरसेल मैक्सिस सौदे को विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी की जांच के संबंध में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को तलब किया। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि कार्ति से कल एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है। एक विशेष अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र के अनुसार, मैक्सिस की एक सहयोगी कंपनी मारिशस की मैसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन र्सिवसेज होल्डिंग्स लिमिटेड ने एयरसेल में 80 करोड़ डालर के निवेश की मंजूरी मांगी थी। यह मंजूरी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति को देनी थी।
आरोपपत्र में 2014 में कहा गया था कि हालांकि तत्कालीन वित्त मंत्री ने मंजूरी दे दी। तत्कालीन वित्त मंत्री द्वारा एफआईपीबी मंजूरी देने की परिस्थितियों को लेकर आगे की जांच जारी है। संबंधित मुद्दों पर भी जांच चल रही है। गौरतलब है कि विदेश में अज्ञात संपत्ति होने से इनकार करते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि यदि उनकी या उनके परिवार की विदेश में कोई संपत्ति है तो केंद्र सरकार को खुलासा करना चाहिए व उसे जब्त करना चाहिए।
कार्ति चिदंबरम ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष कहा, “मेरे पिता, माता, पत्नी व मैं खुद आयकर भुगतान करता हूं। यदि सरकार या इसकी एजेंसियां कह दें कि हमारी ये संपत्तियां हैं, तो हम उनकी आज्ञा का पालन करेंगे और सरकार उन्हें अपने कब्जे में ले सकती है।” बता दें कि मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ में न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ भी शामिल हैं। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो लापरवाही भरा आरोप लगा रहा है और उनके मुवक्किल कार्ति चिदंबरम से केंद्रीय जांच एजेंसी से पूछताछ के दौरान कुछ भी उभर कर सामने नहीं आया, जो परिवार के स्वामित्व वाली अज्ञात विदेशी संपत्ति की तरफ इशारा करे।
सीबीआई की तरफ से अदालत के समक्ष पेश होते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीलबंद लिफाफे में कार्ति से जुड़ी संपत्तियों की जानकारी प्रस्तुत की है। उन्होंने कहा कि इन के बारे में जानकारी एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान सामने आई है। सिब्बल ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि सीबीआई अदालत के समक्ष कथित तौर पर उनके मुवक्किल से जुड़े दस्तावेज बिना एक अगल प्राथमिकी के नहीं पेश कर सकती। उन्होंने अदालत से कहा कि कार्ति चिदंबरम से पूछताछ के दौरान कुछ भी सामने नहीं आया, जैसा कि सीबीआई का दावा है।