एलजी किरण बेदी का फरमान- खुले में किया शौच तो करवा देंगे राशन बंद

पुदुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी फिर विवादों में हैं। उन्होंने शनिवार (28 अप्रैल) को तानाशाही तरीके से फरमान जारी किया है कि केंद्र शासित प्रदेश के जिन गांवों में लोग खुले में शौच करेंगे, खुले में कूड़ा फेकेंगे या जो गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं होंगे, वहां के लोगों को सरकार द्वारा मुफ्त वितरित किया जाने वाला चावल (राशन) बंद करा दिया जाएगा। उप राज्यपाल द्वारा जारी आदेश के मुताबिक मुफ्त चावल वितरण की योजना सशर्त होगी। इसके तहत गांव वालों को स्थानीय विधायक और सामुदायिक आयुक्त से इस बात का संयुक्त प्रमाण पत्र हासिल करना होगा और सिविल सप्लाई कमीश्नर को सौंपना होगा कि वो खुले में शौच नहीं करते हैं, खुले में कूड़ा नहीं फेंकते हैं और उनका गांव खुले में शौच से मुक्त हैं। इसके अलावा उनके घरों और गांव में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता है। एलजी के अनुसार प्लास्टिक के कचरे से भी उनका गांव मुक्त है, इसका भी प्रमाण पत्र हासिल करना जरूरी होगा।

उप राज्यपाल का यह फरमान जून से लागू होगा। किरण बेदी के मुताबिक लोगों को चार हफ्ते का समय इसलिए दिया गया है ताकि संबंधित विभाग और गांव के लोग अपने आस-पास वातावरण को साफ सुथरा कर लें। राजभवन की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, “मुफ्त चावल वितरण की योजना अगले आदेश तक स्थगित की जाती है और चावल को सुरक्षित भंडार में रखने का आदेश दिया जाता है। चावल का वितरण लाभार्थियों को तभी दिया जाएगा, जब उनका गांव स्वच्छता का प्रमाण-पत्र हासिल कर लेगा। प्रमाण-पत्रों की भी क्रॉस चेकिंग हो ताकि उसकी प्रामाणिकता बरकरार रह सके। मुफ्त चावल वितरण योजना का लाभ उठाने के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों को चार हफ्ते का समय दिया गया है, ताकि वो अपने-अपने इलाकों को शौच से मुक्त और स्वच्छ कर सकें। इस नोटिस की समय-सीमा 31 मई को समाप्त हो जाएगी।”

एलजी किरण बेदी ने केंद्र शासित प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता अभियान की सुस्त रफ्तार पर भी चिंता जाहिर की है और उम्मीद जताया है कि नए आदेश से अधिकारी ग्रामीण इलाकों को स्वच्छ बनाने में तेजी से काम करेंगे। एलजी ने नाबार्ड से उन एनजीओ को मदद करने का अनुरोध किया है जो ग्रामीण स्वच्छता अभियान में लगे हुए हैं।

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