ऐसी गरीबी कि सड़ा हुआ मांस खाने के लिए मजबूर हुए इस देश के नागरिक!
लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था बेहद बुरे दौर में पहुंच चुकी है और वहां खाने-पीने के सामान की भी काफी किल्लत हो रही है। वेनेजुएला के दूसरे सबसे बड़े शहर माराकाइबो में लोग सड़ा हुआ मांस खाने को मजबूर हैं। दरअसल इस शहर में बिजली काफी दिक्कत है, जिसके चलते यहां के रेफ्रीजरेटर बंद पड़े हैं और लोगों को सड़ा हुआ मांस खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह सड़ा हुआ मांस दरअसल मीट दुकानदार सस्ती दर पर बेच रहे हैं। आर्थिक मंदी झेल रहे लोगों के पास यह सस्ता लेकिन सड़ा हुआ मांस खरीदने का ही रास्ता बचा है। हालांकि इस सड़े हुए मांस को खाकर लोग बीमार भी हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वेनेजुएला का माराकाइबो शहर कभी ऑयल प्रोडक्शन का हब माना जाता था। इस शहर से देश के कुल तेल उत्पादन का आधा तेल उत्पादन किया जाता था, जिसे पूरी दुनिया में निर्यात किया जाता था। यहां आयी आर्थिक मंदी के बाद यहां की चमक-दमक फीकी पड़ गई और अन्तरराष्ट्रीय बिजनेस समुदाय ने भी यहां आर्थिक मंदी के बाद अपना कारोबार समेटने में ही अपनी भलाई समझी। पिछले 9 महीनों के दौरान माराकाइबो में बिजली की बेहद कटौती की जा रही है। पिछले 2 हफ्तों से तो यहां हालात और भी खराब हो गए हैं, क्योंकि यहां कि मुख्य पावरलाइन आग लगने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। उसके बाद से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं और सड़ा हुआ मांस खाकर अपना गुजारा कर रहे हैं। कुछ लोग इस मांस को अपने कुत्तों को खिला रहे हैं, वहीं गरीब लोग खुद भी इसे खा रहे हैं।
तेल उत्पादक देश वेनेजुएला अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। हालात यहां तक खराब हैं कि यहां के लोगों के लिए बेसिक सेवाएं जैसे पानी और इलेक्ट्रिसिटी भी लग्जरी चीजें हो गई हैं। वेनेजुएला के समाजवादी नेता और देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरौ ने इस आर्थिक मंदी की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। निकोलस मादूरौ देश के इन हालातों के लिए आर्थिक युद्ध को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जो कि अमेरिका समेत कई बाजारवादी ताकतों ने उनके देश के खिलाफ छेड़ रखा है।