ओडिशा: सुरक्षाबलों और नक्सलियों में भीषण मुठभेड़, स्पेशल जोनल कमेटी की चार महिला माओवादी ढेर
ओडिशा में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने संयुक्त अभियान में आंध्र प्रदेश की सीमा से लगते कोरापुट जिले में चार महिला नक्सलियों को मार गिराया है। माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ रविवार (25 मार्च) देर रात को शुरू हुई थी। एक अधिकारी ने सोमवार (26 मार्च) को ओडिशा पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की जानकारी दी। समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और डिस्ट्रिक्ट वालेंटरी फोर्स (डीवीएफ) के जवानों ने रविवार देर रात को डोकारी घाटी में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। इसी दौरान उनकी नक्सलियों के एक दस्ते से मुठभेड़ हो गई। पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) आरपी. कोचे ने सोमवार दोपहर बाद तक भी मुठभेड़ जारी होने की बात कही थी। उनके मुताबिक, मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सलियों की पहचान नहीं हो सकी है। ये सभी आंध्र-ओडिशा स्पेशल जोनल कमेटी की सदस्य थीं। सुरक्षाबल पूरे इलाके में तलाशी अभियान चला रहे हैं।
नक्सलियों का गढ़ है आंध्र-ओडिशा का सीमावर्ती इलाका: ओडिशा और आंध्र प्रदेश से लगते सीमाई इलाकों को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। कोरापुट के अलावा सीमावर्ती मलकानगिरि में भी नक्सलियों का अच्छा-खासा प्रभाव है। पहाड़ी इलाकों में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ओडिशा और आंध्र प्रदेश की पुलिस समय-समय पर संयुक्त अभियान चलाती रहती है। मलकानगिरि जिले के कई हिस्सों में नक्सलियों का बोलबाला है। इसे खत्म करने के लिए जनवरी के अंत में ओडिशा पुलिस ने आंध्र पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ मिलकर एक कार्ययोजना तैयार की थी, ताकि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके। गृह मंत्रालय में तैनात वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार और ओडिशा एवं आंध्र की अंतर्राज्यीय समन्वय समिति के बीच बैठक हुई थी। इसमें नक्सलियों के कब्जे वाले क्षेत्रों से उन्हें खदेड़ने के लिए तीनों सुरक्षा एजेंसियों ने साथ में मिलकर अभियान चलाने का निर्णय लिया था। बता दें कि ओडिशा की सीमा एक और नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ से भी लगती है।
आईईडी हमला: नक्सलियों ने कुछ दिनों पहले ही छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ के गश्ती दल पर आईईडी से हमला कर दिया था। इसमें नौ जवान मारे गए थे। ये जवान बारूदी सुरंग रोधी वाहन से किश्तराम की ओर जा रहे थे, जब नक्सलियों ने इन्हें निशाना बनाया था। मालूम हो कि सुरक्षाबलों द्वारा समन्वय के साथ अभियान चलाने के कारण झारखंड और बिहार के कई इलाकों से नक्सलियों को खदेड़ा जा चुका है। इन राज्यों में इनका प्रभाव अपेक्षाकृत बेहद कम रह गया है। हालांकि, छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में नक्सली अब भी बड़ा हमला करने में कामयाब हो रहे हैं।