कई प्रादेशिक क्षत्रप निशाने पर!
लालू प्रसाद के बाद अब किसका नंबर है? यह लाख टके का सवाल है कि कई राज्यों में प्रादेशिक क्षत्रपों की नींद उड़ी है। कहा जा रहा है कि पूर्वी राज्यों में भाजपा का फोकस है और इसलिए पूर्वी राज्यों के नेता ज्यादा परेशान हैं। बिहार के बाद पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और झारखंड की बारी आ सकती है। इन चारों राज्यों में भाजपा विरोधी ताकतें बड़ी और मजबूत हैं। उन्हें कमजोर किए बगैर पार्टी अगले चुनाव में अपनी सीटें नहीं बढ़ा पाएगी।
बताया जा रहा है कि बिहार में लालू प्रसाद और उनके परिवार के केंद्रीय जांच एजेंसियों के चंगुल में आने के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का परिवार का निशाने पर हैं। उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ एजेंसियों को सबूत मिलने की खबर है। बताया जा रहा है कि चिटफंड और रियल इस्टेट के धंधे में शामिल कई कारोबारियों से उनके संपर्क के सूत्र मिले हैं। सो, किसी भी समय उनके ऊपर केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा कस सकता है। तभी ममता बनर्जी के सांसद सरकार पर राजनीतिक बदले के आरोप लगा रहे हैं और हमलावर हुए हैं। पार्टी के दूसरे कई सांसद जांच एजेंसियों के चंगुल में हैं।
इसी तरह ओड़िशा में जांच की आंच सीधे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तक पहुंचने की खबर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ओड़िशा में काम कर रही कई चिटफंड कंपनियों की जांच चल रही है। इसमें नवीन पटनायक के करीबी सांसद और विधायक उलझे हैं। इस बीच पार्टी को मिले चुनावी चंदे की जांच शुरू हो गई है, जिससे नवीन पटनायक की मुश्किल बढ़ सकती है। उनका अलावा तीसरा निशाना झारखंड में नेता विपक्ष हेमंत सोरेन दिख रहे हैं। बिहार की तरह झारखंड में भी भाजपा के नेता प्रेस कांफ्रेंस करके उनके खिलाफ सबूत पेश कर रहे हैं और उनकी संपत्ति का ब्योरा जारी कर रहे हैं। अगर इनकी जांच शुरू हुई तो उनकी बड़ी मुश्किल होगी।