कठुआ कांड के आरोपियों को गुरदासपुर जेल ले जाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर सरकार को कठुआ बलात्कार और हत्याकांड के आरोपियों को कठुआ की जिला जेल से पंजाब की गुरदासपुर जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इसी मामले में अदालत की एक अन्य पीठ ने कहा कि पठानकोट की जिला व सत्र अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजकों के अलावा सिर्फ आरोपियों के वकील ही कक्ष में मौजूद होंगे। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा के पीठ ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को आठ हफ्तों के भीतर इस मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करने का भी निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में निचली अदालत के आदेश से असंतुष्ट महसूस करने वाले पक्षों को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी।

जजों ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले की सुनवाई कर रहे निचली अदालत के न्यायाधीश और विशेष लोक अभियोजक को समुचित सुरक्षा दी जाए। अदालत ने जम्मू-कश्मीर सरकार को अपने खर्च पर यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि वह इस मामले में गुरदासपुर जेल में बंद आरोपियों के परिजनों की मुलाकात कराएगी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाले एक अन्य पीठ ने कहा कि पठानकोट की जिला व सत्र अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजकों के अलावा सिर्फ आरोपियों के वकील ही कक्ष में मौजूद होंगे। पीठ को जम्मू-कश्मीर के वकील ने अदालत कक्ष में आरोपियों के साथ कई वकीलों के मौजूद रहने के बारे में जानकारी दी। इसके बाद न्यायालय ने यह निर्देश दिया। वरिष्ठ वकील शेखर नफाडे और स्थायी वकील शोएब आलम ने सीलबंद लिफाफे में न्यायालय को स्थिति रिपोर्ट सौंपी।

उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों की ओर से भारी संख्या में वकीलों की उपस्थिति से निष्पक्ष सुनवाई में बाधा आ सकती है। उन्होंने कहा- एक बार मामले में आरोपियों के बचाव के लिए करीब 50 वकील अदालत कक्ष में मौजूद थे। नफाडे ने अनुरोध किया कि आरोपियों से जिरह और बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किए जाएं। इस पर अदालत ने जिला व सत्र अदालत को बंद कमरे में सुनवाई करने का निर्देश दिया, जिसमें आरोपियों के वकील, विशेष लोक अभियोजक, लोक अभियोजक और अदालत के कर्मचारी ही मौजूद रहेंगे। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज करने व जिरह की कोई जरूरत नहीं है। इस मामले में कुल आठ आरोपी हैं।

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