कठुआ गैंगरेप: पीड़िता की मां बोलीं- घोड़ों और घास के मैदानों से बेटी को था प्यार, अब अकेली है कब्र में
कठुआ गैंगरेप पीड़िता की मां ने अपनी बेटी को याद करते हुए कहा कि उसे घोड़ों और घास के मैदानों से बहुत प्यार था। पीड़िता की मां ने बताया कि जब वह घर से गायब हुई थी, तभी उसके लिए शादी में जाने के लिए नए कपड़े और नए सैंडल लिए थे। लेकिन अब उसके जाने के बाद उसके सभी कपड़े एक बक्से में बंद करके रख दिए हैं। बता दें कि पीड़िता का परिवार कठुआ के गांव को छोड़ चुका है और फिलहाल जम्मू श्रीनगर हाइवे पर स्थित किशनपुर में रह रहे हैं। पीड़िता की मां ने बताया कि उसे कारगिल बहुत पसंद था, कारगिल के बड़े बड़े घास के मैदान उसके पसंदीदा थे, जिनमें वह अपने घोड़ों को बड़े ही चाव से घास चराती थी। पीड़िता के सबसे पसंदीदा घोड़े सुंदर की ओर इशारा करते हुए पीड़िता की मां की आंखे भर आयी।
पीड़िता की मां ने बताया कि हमने उसे कभी यह पता नहीं चलने दिया था कि वह हमारी बेटी नहीं है। हमने अपने तीन बच्चों को एक बस दुर्घटना में खोने के बाद उसे अपनी एक बहन से गोद लिया था। फिलहाल पीड़िता की मां को अपने बच्चों की चिंता है, जिनमें से 2 बेटे और एक बेटी है। एक बेटा 11वीं कक्षा का छात्र है और दूसरा छठी कक्षा का। वहीं बेटी को अभी इन लोगों ने स्कूल नहीं भेजा है। पीड़िता की मां का कहना है कि उनकी दूसरी बेटी, जोकि 8 साल की है, बहुत शरारती है और जब थोड़ी और सयानी हो जाएगी, उसके बाद उसे स्कूल भेजा जाएगा। महिला ने बताया कि ‘उनका एक बेटा अभी भी कठुआ के उसी गांव के स्कूल में पढ़ता है, लेकिन रात को वह हमारे रिश्तेदारों के घर सांबा चला जाता है, क्योंकि गांव में रात में रुकना सुरक्षित नहीं है।’
बता दें कि बीती जनवरी में कठुआ के गांव रसाना में 8 लोगों ने मिलकर 8 साल की मासूम के साथ गैंगरेप किया। इस दौरान मासूम को मंदिर में 1 हफ्तें तक बंद करके रखा गया और उसके साथ गैंगरेप किया गया। इसके बाद आरोपियों ने मासूम की हत्या कर दी। फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता की मां ने बताया कि ‘उसे सिर पर पत्थर से मारा गया था। उसकी त्वचा जली हुई सी लग रही थी, जैसे उसे बिजली के झटके दिए गए हों। मैं उसकी टूटी हुई पसलिओं को महसूस कर सकती थी और कभी भी उसके सिर पर लगे खून के धब्बे नहीं भूल सकती।’ पीड़िता की मां ने हादसे पर गुस्सा और दुख जताते हुए कहा कि ‘एक छोटी सी बच्ची के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं?’
पीड़िता की मां ने बातचीत के दौरान बताया कि अब वह बेटियों को पालने से डरती हैं, क्योंकि वह उन्हें सुरक्षित नहीं रख पाएंगी। मैंने पहले एक हादसे में बेटी को खोया, अब दूसरी बार फिर बेटी को खो दिया। महिला ने बताया कि ‘लोगों ने उन्हें बेटी को अपने आंगन में दफनाने नहीं दिया था, जिसके बाद उसे 7 किलोमीटर दूर दफनाया गया। हम डर के कारण अपना सबकुछ छोड़ आए हैं। कुछ लोगों ने धमकी दी है कि वह हमारे घरों को तबाह कर देंगे, बस मेरी इच्छा है कि वह उसकी कब्र के साथ कुछ ना करें।’
नावीद इकबाल।