कठुआ दुष्कर्म पीड़िता के परिवार, अन्य को सुरक्षा देने का आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने कठुआ दुष्कर्म मामले में सोमवार को पीड़ित परिवार और उनकी वकील दीपिका रजावत व अन्य को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाने का आदेश दिया। साथ ही, शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर जम्मू एवं कश्मीर सरकार से जवाब देने को कहा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदेश सरकार को राजावत के परिवार और मामले में पीड़ित परिवार को मदद करने वाले स्थानीय बकरवाल समुदाय के सदस्य तालिब हुसैन को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा। शीर्ष अदालत ने यह आदेश पीड़िता के पिता की याचिका पर दिया। उन्होंने अदालत से मामले की सुनवाई जम्मू एवं कश्मीर से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।

रजावत ने अदालत को बताया कि उन्हें हिंदू-विरोधी बताया जा रहा है और दुष्कर्म के इस मामले में पीड़ित परिवार का वकील बनने के लिए उन्हें सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा है। मामले में आरोप है कि आठ साल की एक बच्ची को अगवा करके उसके साथ दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। पीड़िता के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जांच पर संतोष जाहिर किया और अदालत को बताया कि वे मामले की सुनवाई स्थानांतरित करवाना चाहते हैं, ताकि उचित ढंग से सुनवाई हो।

अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 27 अप्रैल को करने का निर्देश दिया है। इससे पहले, सोमवार को सुनवाई शुरू होने पर कठुआ दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में सभी आठ आरोपियों को जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश किया गया। जघन्य अपराध के मामले में कथित सरगना सांझी राम समेत सभी आठ आरोपियों को सख्त सुरक्षा के बीच कठुआ में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ए. एस. लांगेह के समक्ष पेश किया गया। निचली अदालत में मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।

 

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