कठुआ रेप केस: पुलिस पर सबूत मिटाने का आरोप, बैकडेट में एंट्री की, साफ कपड़े लैब में भेजे
जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए बलात्कार मामले में पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं। गौरतलब है कि ये आरोप एक पुलिसकर्मी ने ही लगाए हैं। दरअसल हेड कॉन्सटेबल सुरिंदर पाल ने सोमवार को ट्रायल कोर्ट में बताया कि सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता ने उन्हें घटना का रिकॉर्ड बैकडेट में दर्ज करने के लिए धमकाया था। इसके साथ सुरिंदर पाल ने सब-इंस्पेक्टर पर घटना से जुड़े सबूत मालखाने में जमा नहीं करने का भी आरोप लगाया है। बता दें कि सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता भी कठुआ रेप के मामले में आरोपी हैं। आनंद दत्ता पर मामले के आरोपी सांझी राम से पैसे लेकर सबूत मिटाने का आरोप है।
हेड कॉन्सटेबल सुरिंदर पाल का कहना है कि सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता बलात्कार की घटना के बाद 18 जनवरी को 3 अहम सबूतों के साथ हीरानगर पुलिस स्टेशन आए थे। इन तीन चीजों में एक हेयरबैंड, दुपट्टा और मृतका के जूते शामिल थे। नियमों के अनुसार, केस से जुड़ी हर चीज, जो जांच एजेंसियों द्वारा सील की जाती हैं, पुलिस स्टेशन के मालखाने में जमा करायी जाती है। लेकिन आनंद दत्ता ने इन सबूतों को मालखाने में जमा नहीं किया और अपने पास रखा। मामले की जांच कर रही जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच की टीम का आरोप है कि आनंद दत्ता ने सबूतों से छेड़छाड़ कर जांच को गुमराह करने की कोशिश की।
जांच एजेंसियों का दावा है कि आनंद दत्ता ने इस मामले के अन्य आरोपी और पुलिस हेड कॉन्सटेबल तिलक राज के साथ मिलकर पीडिता द्वारा मौत के वक्त पहने गए कपड़ों को धोने की कोशिश की थी और इन्हें मालखाने में जमा नहीं कराया था। गौरतलब है कि जब जांच एजेंसियों ने पीड़िता के कपड़ों को बरामद कर इन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजा था तो वहां कपड़े साफ पाए गए थे और अन्य सबूतों के साथ उनका मिलान भी नहीं हो सका था। बता दें कि जनवरी 2018 में जम्मू के कठुआ इलाके के रसाना गांव में अल्पसंख्यक बकरवाल समुदाय की एक 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया है। फिलहाल इस मामले की जांच जम्मू से अलग पठानकोट में चल रही है।