कन्हैया कुमार ने जिस दल को कहा था ‘कन्फ्यूज पार्टी’, उसी से शुरू किया राजनीतिक करियर
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने अपने राष्ट्रीय परिषद में जगह दी है। राष्ट्रीय परिषद भाकपा की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है। इस इकाई में 125 सदस्य होते हैं। केरल के कोल्लम में पार्टी की 23वीं पार्टी कांग्रेस में कन्हैया कुमार को रविवार (29 अप्रैल) राष्ट्रीय परिषद का सदस्य चुना गया। खास बात यह है कि शनिवार (28 अप्रैल) को ही कन्हैया कुमार ने सीपीआई को ‘कन्फ्यूज पार्टी ऑफ इंडिया’ कहा था।
पार्टी कांग्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि सीपीआई कन्फ्यूज पार्टी ऑफ इंडिया बन गई है। कन्हैया कुमार का ये बयान पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए चल रही चर्चा के बीच आया था। कन्हैया ने कहा था, “कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने पर फोकस करने के बजाय सीपीआई को खुद को मजबूत करना चाहिए और इस पार्टी को इस कदर तैयार करना चाहिए कि कांग्रेस को सीपीआई का सपोर्ट लेने के लिए आना पड़े।” हालांकि कन्हैया ने कुछ दिन पहले कहा कि था कि बीजेपी को रोकने के लिए अगर कांग्रेस को समर्थन देने की जरूरत होती है तो ऐसा किया जाना चाहिए।
कन्हैया ने शनिवार को यह बयान दिया था। रविवार को उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय परिषद में जगह दे दी गई। अबतक कन्हैया कुमार सीपीआई के स्टूडेंट विंग एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे। कन्हैया कुमार ने हाल ही में बिहार से लोकसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। कन्हैया कुमार ने कहा था कि अगर राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वामपंथी दल बिहार में महागठबंधन बनाते हैं और उन्हें उम्मीदवार बनाते हैं तो वह चुनाव लड़ने को तैयार हैं।” कन्हैया ने संकेत दिया था कि वह बिहार के बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा था कि उनका परिवार लंबे समय से वाम दलों से जुड़ा रहा है। केरल के कोल्लम में सीपीआई की पार्टी कांग्रेस में एस. सुधाकर रेड्डी को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का लगातार तीसरी बार महासचिव चुना गया। उन्हें सर्वसम्मति से इस पद के लिए चुना गया। दो बार लोकसभा के सदस्य रह चुके रेड्डी पहली बार 2012 में भाकपा महासचिव बने थे।