कफ की समस्या से निजात पाना है तो करें ये तीन योगासन, जल्द मिलेगा आराम

मौसम बदलते ही अक्सर लोगों को जुकाम और खांसी की समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से कफ बनता है। कफ बनना सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है। इसके अलावा भी कफ की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। बहुत ज्यादा नमकीन, मीठा और फैटी फूड खाने से भी कफ दोष का बढ़ना तय है। इनका जल्द से जल्द कुछ उपाय न करने पर तकलीफ काफी बढ़ जाती है। ऐसे में अगर आप भी कफ की समस्या से पीड़ित हैं और इससे निजात पाने के उपाय ढूंढ रहे हैं तो ये कुछ योगासन आपकी पर्याप्त मदद कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो आपको कफ से राहत दिला सकते हैं।

धनुरासन – धनुरासन एक चेस्ट ओपनिंग आसन है जो छाती और नाक को साफ रखता है। जिससे कफ जमा होने के बावजूद आपको सांस लेने में आसानी होती है। इसे करने के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और अपनी ठोड़ी को जमीन से लगाकर रखें। अब पैरों को घुटने से मोड़े और पंजो को हाथो से पकड़ने का प्रयास करें। फिर साँस भरते हुए और बाजुओं को सीधे रखते हुए सिर, कंधे और छाती को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में सांस सामान्य रखें और कुछ सेकंड के बाद साँस छोड़ते हुए छाती, कंधे और ठुड्डी को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं। अब पंजों को छोड़ दें और कुछ समय आराम करें। इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।

त्रिकोणासन –त्रिकोणासन शरीर से कफ और एसिडिटी तो खत्म करता ही है साथ ही साथ यह चिंता और तनाव को दूर करने में भी काफी कारगर है। इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं उसके बाद अपने पैरों को एक मीटर की दूरी तक फैलाएं और फिर अंदर की ओर सांस भरें। अपनी दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में ले जाएं फिर कमर से आगे की ओर झुकें। इसी बीच सांस छोड़ें।

अर्धचंद्रासन – इसे करने से आपकी स्पाइन को स्ट्रेच मिलता है और जमे हुए कफ से राहत मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं और इसके बाद अपने दोनों पांव बराबर रूप से फैला लें। अब अपनी दाहिनी बांह दाहिने ओर तथा बायीं बांह बाईं ओर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे बाईं टांग की ओर झुकें ताकि आपका बायां हाथ आपके बाएं पांव को छू सके। इस समय आपका दायां हाथ आपकी कमर पर और आपका दाहिना पांव कुछ हवा में होना चाहिए। इसके बाद धीरे से अपने बाएं घुटने को मोड़ें और थोड़ा आगे बढ़ें। अब अपना बायां हाथ थोड़ा आगे बढ़ा दें और इसे अपने बाएं पांव से दूर कर दें। इस अवस्था में आपका बायां हाथ जमीन को छू रहा होगा। इसके बाद आपका दाहिना हाथ जो कमर पर था उसे और सीधा करके ऊपर की ओर रखें। इस आसन में कम से कम आप कुछ सेकेंड्स के लिए रुक जाएं।

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