कभी केजरीवाल का दिल जीतकर बने थे उनके सलाहकार, वीके जैन से AAP को अब लगा ‘जोर का झटका’

अनिरुद्ध घोषाल, मल्लिका जोशी। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के मामले में अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वी के जैन ने अपने बयान से आप नेतृत्व को चौंका दिया है। वीके जैन केजरीवाल के पसंदीदा अफसरों में शामिल हैं, और 6 महीने से कमय समय से केजरीवाल के सलाहकार बने हैं। जब वी के जैन बतौर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के सीईओ थे तो केजरीवाल उनके काम से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खुद उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त किया। केजरीवाल के घर पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बहुचर्चित आधी रात की मीटिंग के दौरान वी के जैन वहां मौजूद थे। वीके जैन ने 22 फरवरी को पुलिस को कहा था कि उन्होंने देखा कि सीएम के आवास में मुख्य सचिव पर हमला हुआ है, उन्होंने यह भी कहा कि टीवी विज्ञापन का मामला भी इस मीटिंग में चर्चा के लिए आया था। वी के जैन का ये दोनों बयान आम आदमी बयान के स्टैंड से उलट हैं।

बता दें कि 2017 में रिटायर होने से पहले वी के जैन दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) थे। मुख्यमंत्री का सलाहकार होने के नाते वह अहम बैठक को कॉर्डिनेट करने, मुख्यमंत्री दफ्तर के दस्तावेजों पर नजर रखने, उन्हें संभालने के लिए जिम्मेदार हैं। सूत्रों के मुताबिक वी के जैन के पास ब्यूरोक्रेसी के मसले पर भी सीएम को सलाह देने का जिम्मा है। DUSIB के रूप में उनकी नियुक्ति से उनकी प्रतिष्ठा में और भी बढ़ोतरी हुई थी, खासकर के बोर्ड के सदस्यों में । एक सरकारी सूत्र के मुताबिक, ” उस वक्त जैन का ग्रेड डायरेक्टर के बराबर था…आप सरकार को उनके ट्रांसफर फाइल को एलजी के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ी थी क्योंकि उनका ग्रेड पे 8700 के स्केल से नीचे ही था।” सूत्र बताते हैं कि DUSIB में उनके काम से सीएम काफी प्रभावति हुए। वी के जैन के कार्यकाल के दौरान ही दिल्ली के रैन बसेरों की हालत सुधरी और और कई रैन बसेरे संचालन के लिए गैर सरकारी संगठनों को दिये गये। बतौर सीईओ इनके कार्यकाल में रैन बसेरों में हीटर्स लगाये गये, गीजर्स की सुविधा दी गई। इन्होंने दिल्ली के झुग्गी बस्तियों में पुनर्वास की नीति की शुरुआत की और झुग्गियों में सामूहिक टायलेट बनवाना शुरू किया।

बतौर केजरीवाल के सलाहकार उन्होंने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सेवाओं को घर पर डिलीवरी करने की स्कीम का खाका तैयार किया। आप के नेता भी मानते हैं कि पहले भी वी के जैन दिल्ली सरकार के साथ काम करने की इच्छा जता चुके थे। एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक केजरीवाल के सलाहकार के तौर पर उनकी नियुक्ति 50 हजार रुपये की सैलरी पर की गई थी। अंशु प्रकाश मामले में वी के जैन के बयान के बाद आप नेतृत्व फिलहाल उनके बयान का विश्लेषण करने में लगा है।

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