कभी थे साथी, अब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे चंद्रबाबू नायडू
संसद के मानसून सत्र के भी हंगामेदार रहने की संभावना बढ़ गई है। हाल तक मोदी सरकार की सहयोगी रही तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। पार्टी के सांसदों को इसके लिए पर्याप्त समर्थन जुटाने का निर्देश दिया गया है। टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में पार्टी सांसदों की विजयवाड़ा में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। दिचलस्प है कि नायडू ने अपने सांसदों और नेताओं को भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य सभी दलों का समर्थन पाने का प्रयास करने को कहा है। आंध्र के सीएम इसके लिए खुद विपक्षी दलों के नेताओं को फोन कर इस मसले (मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव) पर समर्थन मांगेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘संसद में न्याय न मिलने की स्थिति में टीडीपी संसद का सत्र खत्म होने के बाद कानूनी लड़ाई लड़ेगी।’ उन्होंने हाल में संपन्न उपचुनावों में बीजेपी को मिली हार का भी उल्लेख किया। नायडू ने कहा कि उपचुनावों में हार मिलने से भाजपा कमजोर हुई है और सहयोगी दलों के समर्थन पर निर्भर हो गई है। बता दें कि आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा इस पर अमल न करने पर टीडीपी एनडीए और सरकार से नाता तोड़ लिया था। दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर विरोध स्वरूप राज्य की विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के सभी सांसदों ने सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।
किताब प्रकाशित करना चाहते हैं सीएम नायडू: टीडीपी के टकराव वाले रुख को देखते हुए संसद के मानसून सत्र में जोरदार हंगामा होने का अंदेशा है। सीएम नायडू ने अपने सांसदों को आंध्र प्रदेश के साथ हुए अन्याय को प्रचारित करने का भी निर्देश दिया है, ताकि लोगों के पास वास्तविक सूचना पहुंच सके। बताया जाता है कि चंद्रबाबू नायडू आंध्र के साथ हुए अन्याय को लेकर एक किताब प्रकाशित करना चाहते हैं। इसे जनता के बीच वितरित करने की योजना है। बैठक में शामिल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी के राज्यसभा सदस्य वाईएस. चौधरी ने बताया कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम से जुड़े मुद्दों को लेकर उनकी पार्टी केंद्र के साथ दो-दो हाथ करने को तैयार है। उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए जगनमोहन रेड्डी की पार्टी के सांसदों ने इस्तीफा दिया। चौधरी ने स्पष्ट किया कि राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में उनकी पार्टी बीजेपी के खिलाफ वोट करेगी। मालूम हो कि संसद के पिछले सत्र में वाईएसआर कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया गया था, लेकिन इस पर वोटिंग नहीं हो सकी थी।