कम उम्र में की गईं इन 6 गलतियों की वजह से बैंक नहीं देते लोन, क्रेडिट कार्ड
आदिल शेट्टी
20 साल की उम्र अपने फाइनेंशियल टारगेट निर्धारित करने के लिए एक सही उम्र है। आगे चलकर अच्छे परिणाम देने वाले निवेशों का चयन करने या कम प्रीमियम में एक अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए यह सबसे अच्छा समय है। इसलिए, आप अपनी 20 साल की उम्र में जो फैसले लेंगे, आपके पर्सनल फैंस पर उसका काफी असर पड़ सकता है और इसमें आपका क्रेडिट स्कोर भी शामिल है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर, लोन या अन्य फाइनेंशियल लेनदेनों के मामले में सबसे अच्छी डील हासिल करने में आपकी मदद कर सकता है जबकि कम स्कोर आपको लोन मिलने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इस उम्र के लोगों को क्रेडिट स्कोर के महत्व और उन गलतियों से वाकिफ रहना जरुरी है जिनसे परहेज करके वे अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा रख सकते हैं। 720 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है।
कोई कर्ज नहीं मतलब अच्छा क्रेडिट स्कोर: लोगों में एक आम गलत धारणा यह है कि कोई लोन या कर्ज न लेने पर उन्हें एक अच्छा क्रेडिट स्कोर मिल सकता है। इस तरह की सोच के कारण वे अक्सर नकद खरीदारी करने लग जाते हैं और क्रेडिट कार्ड से दूर रहने लगते हैं। CIBIL जैसी क्रेडिट रेटिंग कंपनियों के लिए कोई लोन/कर्ज का न होना असल में एक खराब क्रेडिट स्कोर के बराबर होता है। चूंकि एक व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर का मूल्यांकन, उस व्यक्ति द्वारा एक लोन को चुकाने की ऐतिहासिक क्षमता के आधार पर किया जाता है, इसलिए क्रेडिट हिस्ट्री न होने के कारण कंपनियां यह निर्धारित नहीं कर पाती हैं कि आपके पास एक लोन चुकाने की क्षमता है या नहीं।
बहुत अधिक क्रेडिट कार्डों के लिए आवेदन करना: जहां एक तरफ, कोई कर्ज न होने पर आपको एक अच्छा क्रेडिट स्कोर नहीं मिल सकता है, वहीं दूसरी तरफ, बहुत अधिक क्रेडिट कार्डों के लिए आवेदन करने से हानिकारक प्रभाव भी पड़ सकता है। आप जब-जब किसी क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, कंपनी तब-तब CIBIL से पूछती है कि आपका क्रेडिट स्कोर कैसा है। जब CIBIL देखती है कि कम समय अवधि के भीतर कई बार अनुरोध किया गया है तब वह आपकी पहचान एक ऐसे व्यक्ति के रुप में करेगी जिसके पास भुगतान करने की कम क्षमता है और इसलिए आपको बार-बार क्रेडिट की जरुरत पड़ रही है। इसलिए, क्रेडिट कार्ड कंपनियों के आकर्षक प्रस्तावों के जाल में न फंसें और एक से अधिक कार्डों के लिए आवेदन करने से बचें।
क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के बाद उसे बंद करना: कई लोग अक्सर बड़ी खरीदारी करने के लिए जैसे घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान या गाड़ी खरीदने के लिए क्रेडिट कार्डों का इस्तेमाल करते हैं। क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के बाद वे उन्हें बंद करने की गलती कर बैठते हैं जिससे उनके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर में आम तौर पर एक दीर्घकालिक क्रेडिट हिस्ट्री होगी। कार्ड को बंद कर देने से रिकॉर्ड भी खत्म हो जाता है जिससे समय पर बिल का भुगतान करने और कर्ज चुकाने के बावजूद औसत क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। इसलिए, कर्ज चुकाने के बाद भी कार्ड को चालू रखने में फायदा है।
किसी के लोन का गारंटर बनना: हम जब जवान होते हैं तब हम अक्सर भावनाओं में आकर फैसले ले लेते हैं। किसी दोस्त या रिश्तेदार के लिए गारंटर बनना उनमें से ही एक है। जब आप एक गारंटर के रुप में हस्ताक्षर करते हैं तब लोन चुकाने में उसके विफल हो जाने पर उसका लोन चुकाने की जिम्मेदारी आपके कन्धों पर आ जाती है। यदि आप उस लोन को चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर गंभीर रुप से प्रभावित हो जाता है।
अपने क्रेडिट कार्ड पर अपनी जिंदगी जीना: अपने 20 के दशक के आरम्भ और मध्य में, जब आपने स्वतंत्र जीवन का स्वाद लेना अभी-अभी शुरु ही किया होता है, उस समय आपके बहुत खर्चीले होने की संभावना रहती है। आपकी खरीदारियां अक्सर आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा पर आधारित होती हैं और आप देय तिथि से पहले बिल के भुगतान से संबंधित नियम के बारे में लगभग भूल जाते हैं। यदि आप बिल का भुगतान करने में विफल हो जाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर नीचे गिर जाएगा। लेकिन यदि आप समय पर भुगतान करते हैं तब भी, इससे इस बात का संकेत मिल सकता है कि आपकी जिंदगी, कर्ज के भरोसे चलती है और इस तरह आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है। आप अपने अनावश्यक खर्च को नियंत्रित कर सकते हैं और अपनी जरुरत के आधार पर अपने खर्च को प्राथमिकता दे सकते हैं।
देर से भुगतान: EMI के भुगतान या क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान में देर करने पर या भुगतान करना भूल जाने पर, सिर्फ विलम्ब शुल्क और ब्याज ही नहीं लगता है बल्कि आपके क्रेडिट स्कोर पर इसका बहुत बुरा असर भी पड़ता है। नौजवानों को अपने 20 के दशक में, आर्थिक दृष्टि से सही फैसले लेते हुए जिंदगी का मजा लेना चाहिए जिससे उन्हें जिंदगी भर कोई परेशानी न उठानी पड़े।
लेखक बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ हैं।