कराची में बोले मणिशंकर अय्यर- पाकिस्तान की नीति से खुश हूं, भारत के रुख से दुखी
कांग्रेस के निलंबित वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कराची में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की नीतियों पर खुशी जाहिर की जबकि भारतीय नीति को लेकर दुख जताया है। मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है- निरंतर और निर्बाध बातचीत। मुझे बहुत गर्व है कि पाकिस्तान ने इस नीति को स्वीकार कर लिया है, लेकिन दुखी भी हूं कि इसे (वार्ता) भारतीय नीति के तौर पर नहीं अपनाया गया है। बातचीत को भारतीय नीति के तौर पर अपनाने की जरूरत है।’ उनका यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में कई भारतीय जवान शहीद हो चुके हैं। पाकिस्तानी मीडिया में मणिशंकर अय्यर का एक और बयान छाया हुआ है। पाकिस्तानी अखबार के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं क्योंकि मैं भारत से प्यार करता हूं।’ उनके बयान का कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। मणिशंकर अपने विवादास्पद बयान को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं। गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ कह कर संबोधित किया था, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था।
मणिशंकर अय्यर कराची में भारत के महावाणिज्य दूत के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। रविवार (11 फरवरी) को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘भरत को अपने पड़ोसी से प्यार करना चाहिए। द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में पाकिस्तान ने जबर्दस्त प्रगति की है, लेकिन भारत के रवैये में मामूली बदलाव आया है। कश्मीर और भारत में आतंकी भेजना दो प्रमुख मुद्दे हैं। आतंकवाद के मसले पर आप (पाकिस्तान) चाहते हैं कि हमलोग उसे निपटाएं और हम चाहते हैं कि पाकिस्तान उससे निपटे।’ मणिशंकर अय्यर का यह बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों को लेकर विपक्षी कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी आलोचना कर रही है। मणिशंकर के कारण कांग्रेस को कई बार असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा है। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी पाकिस्तान के साथ बातचीत की बात कह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बना दिया गया है कि पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने की बात से ही राष्ट्रद्रोही करार दे दिया जाता है।