कर्ज चुकाने के लिए स्पेक्ट्रम, टावर, रियल एस्टेट… सब बेच देंगे अनिल अंबानी, भैया मुकेश हो सकते हैं खरीददार
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी इन दिनों भारी कर्ज के बोझ तले दबे हैं। इसे हल्का करने की उन्होंने योजना बना ली है। मंगलवार को अंबानी ने अपना प्लान जाहिर किया। इसके मुताबिक वह अपना लगभग सब कुछ बेचने जा रहे हैं। अनिल के एलान के बाद ही शेयर बाजार में आरकॉम के शेयरों में उछाल देखी गई। मजे की बात यह है कि उनके सामान के खरीददार उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी हो सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक अनिल लेनदारों के 45000 करोड़ रुपये के कर्ज को 6000 रुपये तक लाने के लिए कंपनी के स्पेट्रम, सेल टॉवर, ऑप्टीकल फाइवर नेटवर्क और रियल एस्टेट प्रॉपर्टी को बेचेंगे। ऐसा करने पर उनकी कंपनी आरकॉम वायरलैस टेलीकॉम बिजनेस से बाहर हो जाएगी।
ऐसी अटकलें जोर पकड़ रही हैं कि अनिल अंबानी के बड़े भाई मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के लिए स्पेक्ट्रम, टॉवर और फाइवर एसेट के खरीददार होंगे। हालांकि अनिल अंबानी अभी तक किसी खरीददार का नाम उजागर नहीं किया है। अनिल अंबानी ने बताया कि नीलामी प्रकिया एक स्वतंत्र पैनल के द्वारा गुजरेगी, जिसकी अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा करेंगे।
अनिल ने यह भी कहा कि आरकॉम ने सभी लेनदारों से इसकी अलग-अलग संपत्तियों को बेचने की पेशकश की है। इसमें नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी कैंपस को छोड़कर प्रापर्टीज शामिल हैं। इसके लिए लेनदेन के काम चरणबद्ध ढंग से जनवरी से मार्च 2018 के बीच निपटा लिए जाएंगे। अनिल अंबानी की इस घोषणा के बाद शेयर बाजार में अच्छा असर देखने को मिला। आरकॉम के शेयरों में 31 फीसदी की मजबूती देखी गई।
अनिल अंबानी टाटा ग्रुप के बाद पहले शख्स होंगे जो कंज्यूमर मोबाइल सर्विसेज बिजनेस से अलग हो रहे हैं। टाटा ग्रुप ने अक्टूबर में खुद को इस बिजनेस से अलग कर लिया था। माना जा रहा है कि टेलीकॉम सेक्टर में जो हलचल मची है, उसके पीछे रिलासंस जियो है। इसके आने के बाद से आरकॉम के 2जी और 3जी वायरलैस बिजनेस में काफी घाटा देखा गया। 2016 में आरकॉम के ग्राहकों की संख्या 120 मिलियन थी, जो कि अगस्त 2017 में 75 मिलियन घट गई। इसके बाद दिसंबर तक यह 14 मिलियन और घट गई। जियो ने पिछले साल सितंबर में सबसे सस्ती वॉयस और वीडियो कॉल समेत तमाम सुविधाओं के साथ अपनी सेवा शुरू की थी, जिसके बाद टेलीकॉम सेक्टर में बड़ी खलबली देखी गई।