कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री को हाई कोर्ट से राहत, भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज एफआईआर पर लगाई रोक

भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा को अस्थायी राहत देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ओर से उनके खिलाफ दाखिल प्राथमिकियों पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए येदियुरप्पा की ओर से जमीनों को अवैध तरीके से गैर-अधिसूचित करने के मामले में उनके खिलाफ ये प्राथमिकी दायर की गई थीं। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार ने शिकायत और एसीबी की ओर से की गई शुरूआती जांच दोनों में भ्रष्टाचार निरोधक कानून या आईपीसी के तहत येदियुरप्पा के संज्ञेय अपराधों को साबित करने के लिए सामग्रियों के अभाव के आधार पर अंतरिम रोक लगा दी।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इस अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता, इस मामले में येदियुरप्पा, के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने के लिए की गई शिकायत और एसीबी की ओर से की गई शुरूआती जांच में सामग्री का अभाव है। लिहाजा, यह अदालत मामले पर अंतरिम रोक की मंजूरी देती है।’’ न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत प्राप्त करने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी से एसीबी, जो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के मातहत है, की मंशा पर संदेह पैदा होता है। सामाजिक संगठन ‘जन सामान्य वैदिके’ के सदस्य की ओर से की गई शिकायत के आधार पर भाजपा नेता के खिलाफ दो प्राथमिकियां दाखिल की गई थीं।

अदालत ने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज करने में एसीबी की ओर से की गई अच्छी-खासी देरी से आरोपी (येदियुरप्पा) के प्रति पूर्वाग्रह पैदा हुआ।’’ येदियुरप्पा ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार के ठिकानों पर हाल में आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी का बदला लेने के लिए कांग्रेस शासित राज्य में एसीबी का इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। न्यायमूर्ति कुमार ने येदियुरप्पा की इन दलीलों का भी संज्ञान लिया कि एसीबी ने मामला दर्ज करने से पहले सक्षम अधिकारी से मंजूरी लेने के अपने ही नियमों का पालन नहीं किया।

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