कर्नाटक गंवाने के बाद इस दक्षिणी राज्य पर है बीजेपी की नजर, गुजरात मॉडल का सहारा

भारतीय राजनीति के दक्षिणी किले के रूप में प्रसिद्ध कर्नाटक में सत्ता की बाजी हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अब पड़ोसी राज्य तेलंगाना पर नजरें गड़ा दी हैं। वहां अगले साल यानी 2019 में लोकसभा के साथ-साथ विधान सभा चुनाव भी होने हैं। राज्य बीजेपी अध्यक्ष के लक्ष्मण के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना पर जोर दिया है और चुनावी तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया है। तेलंगाना में विधान सभा में कुल 120 सीटें हैं। इनमें से एक सीट एंग्लो-इंडियन समुदाय से नामांकन के जरिए भरी जाती है। बाकी बची 119 सीटों पर चुनाव होने हैं। मौजूदा विधान सभा में टीआरएस के 91 विधायक हैं जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के कुल 13 और बीजेपी के मात्र पांच विधायक हैं।

तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मण ने बताया कि राजनीतिक स्थिति और चुनाव की योजना का आकलन करने के लिए अमित शाह अगले महीने तेलंगाना आ सकते हैं। बतौर लक्ष्मण हाल ही में दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह जी के नेतृत्व में एक बैठक हुई, जिसमें तेलंगाना पर जोर दिया गया। पार्टी अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होने थे वो अब हो गये। अब तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सांगठनिक रूप से मजबूत है और राज्य में खुद को और बेहतर करने के लिए मतदान केन्द्रों पर ”पन्ना प्रमुख” मॉडल की प्रणाली अपनायी जाएगी।

विभिन्न राज्यों में ‘पन्ना प्रमुख’ भाजपा का एक सफल मॉडल रहा है जिसमें एक पन्ना का प्रभारी अपनी सूची में आने वाले मतदाताओं के परिवारों से संपर्क करता है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ‘पन्ना प्रमुख’ का सवाल है तो 119 विधानसभा क्षेत्रों में से करीब 40-50 विधानसभा क्षेत्रों में ‘पन्ना प्रमुख’ का काम पूरा हो गया है। शेष विधानसभा क्षेत्रों में भी हम एक या दो महीना में काम पूरा कर लेंगे।’’ उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी राज्य में संगठन को मजबूत करने के लिए कुछ और कदम भी उठा रही है।

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