कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: देश के 22 राज्यों में भगवा परचम! कांग्रेस दो राज्यों तक सिमटी
Karnataka Election Results 2018: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुआई में भाजपा का विजयी अभियान लगातार जारी है। तमाम बड़े राज्यों के बाद कांग्रेस अब कर्नाटक की सत्ता से भी बाहर हो गई है और दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में भी भगवा झंडा बुलंद हो गया है। ऐसे में केंद्र सत्तारूढ़ बीजेपी 22वें राज्य में भी सरकार बनाने के करीब पहुंच गई है। वहीं, देश पर कभी एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस कर्नाटक की सत्ता हाथ से जाने के बाद महज दो राज्यों (केंद्र प्रशासित पुदुचेरी को छोड़ कर) तक सीमित हो गई है। कांग्रेस अब सिर्फ पंजाब और मिजोरम की सत्ता में ही काबिज रह गई है। ऐसे में उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक भाजपा या तो अपने बूते या सहयोगी दलों के साथ सत्ता में है। केरल (माकपा), तमिलनाडु (अन्नाद्रमुक), पश्चिम बंगाल (तृणमूल कांग्रेस), ओडिशा (बीजू जनता दल), पंजाब (कांग्रेस) और मिजोरम (कांग्रेस) जैसे राज्यों से ही सत्ता से बाहर है। यह पहला मौका है जब कोई एक पार्टी एकसाथ इतने राज्यों की सत्ता में है। कांग्रेस की वर्ष 1994 में 18 राज्यों में सरकार थी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा वर्ष 2014 में पहली बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में आई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत का आह्वान कर चुके हैं। विधानसभा चुनावों में लगातार मिल रही जीत से उनका यह सपना धीरे-धीरे हकीकत में बदलता जा रहा है।
मोदी और शाह के नेतृत्व में भाजपा हाल में संपन्न हुए चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने में कामयाब रही है। हिमाचल प्रदेश और मेघालय में कांग्रेस की सरकार थी। हिमाचल में बीजेपी ने अपने दम पर और मेघालय में सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही। इसके अलावा दशकों तक वाम मोर्चे का गढ़ रहे त्रिपुरा में भी भाजपा पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही। भाजपा की नजर अब केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर टिकी है। ऐसे में कर्नाटक विधानसभा में भाजपा की जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भी इसका असर पड़ सकता है। बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। भाजपा की ओर से पीएम मोदी ने कई तूफानी चुनावी रैलियां की थीं। लिहाजा, कर्नाटक के चुनाव नतीजों का राहुल के नेतृत्व कौशल पर भी सीधा प्रभाव पड़ेगा।