कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: राइस मिल क्लर्क से कर्नाटक के सीएम तक, जानें कैसा रहा येदियुरप्पा का सियासी सफर
“Karnataka Election Results 2018 तो अब यह लगभग तय हो चुका है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार बनेगी। बीएस येदियुरप्पा को भाजपा ने पहले ही यहां अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया था। आईए एक नजर डालते हैं बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक सफर पर।
आरएसएस के सचिव रह चुके येदियुरप्पा बीजेपी की तरफ से कर्नाटक के पहले सीएम रह चुके हैं। मांड्या जिले के एक गांव बुकानाकरे में साल 1943 में येदियुरप्पा का जन्म हुआ। ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करने के बाद आरएसएस में शामिल होने से पहले येदियुरप्पा ने राईस मिल के क्लर्क के तौर पर काम किया। बाद में साल 1972 में येदियुरप्पा तलूक में जनसंघ के अध्यक्ष नियुक्त किये गये। 1975 के आपातकाल के दौरान येदियुरप्पा 45 दिनों तक जेल में रहे। 1983 में वो पहली बार कर्नाटक विधानसभा के निचले सदन के लिए निर्वाचित हुए। शिकारपुरा सीट से वो छह बार विधायक रह चुके हैं। 1988 में येदियुरप्पा कर्नाटक में बीजेपी के अध्यक्ष बने।1994 के विधानसभा चुनाव के बाद वो कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। 2004 में धरम सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में येदियुरप्पा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के नेता थे।
कर्नाटक में धरम सिंह सरकार को गिराने के लिए भाजपा और जेडी(एस) के बीच एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत यह तय हुआ कि जेडी(एस) नेता कुमारास्वामी 20 महीने तक के लिए सीएम बनेंगे और उसके बाद येदियुरप्पा सीएम बनेंगे। लेकिन 20 महीने तक मुख्यमंत्री रहने के बाद कुमारास्वामी ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया। बाद में, दोनों पक्षों ने येदियुरप्पा को 2007 में मुख्यमंत्री पद संभालने का मार्ग प्रशस्त करने का फैसला किया। हालांकि, 2011 में जेडी (एस) ने मंत्रालयों के साझाकरण पर असहमति पर उनकी सरकार का समर्थन करने से इनकार करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
साल 2008 में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने शिकारपुरा सीट से चुनाव लड़ा था। उस वक्त येदियुरप्पा के सामने थे पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता एस बंगरप्पा। बंगरप्पा को कांग्रेस और जेडी(एस) का समर्थन भी हासिल था, लेकिन इस चुनाव में येदियुरप्पा ने बंगरप्पा को 45,000 वोटों से हरा दिया और इस तरह कमल की एंट्री दक्षिण भारत में हुई। येदियुरप्पा का पतन उनपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से शुरू हुआ। माइनिंग स्कैप के आरोप लगने के बाद येदियुरप्पा ने 20 दिनों तक बेंगलुरु के जेल की हवा भी खाई।
इस मामले में उनके दोनों बेटों पर भी आरोप लगे थे। यह आरोप लगने के बाद येदियुरप्पा ने वर्ष 2012 में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। नवंबर 2013 में भाजपा में उनकी बिना शर्त वापसी हुई। अरुणादेवी, पद्मावती और उमादेवी ये येदियुरप्पा की तीन बेटियां हैं। 2004 में येदियुरप्पा की पत्नी मैत्रिदेवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मैत्रिदेवी का मृत शरीर शिमोगा स्थित उनके घर के पास के एक कुएं में मिला था।