कर्नाटक चुनाव 2018: वोटिंग से पहले भगवान के दर पहुंचे दिग्गज, गो-पूजा से लेकर वास्तु दोष के टोटके
कर्नाटक विधान सभा की 224 में से 222 सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान जारी है। आरके नगर और जयानगर सीटों पर चुनाव टल गया है। यहां बाद में मतदान होगा। फिलहाल सभी दलों के कार्यकर्ता मतादाताओं को मतदान केंद्रों पर लाने और उनसे वोट दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले कई उम्मीदवारों ने मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी विशेष पूजा की। बीजेपी के सीएम उम्मीदवार बी एस येदुरप्पा ने भी वोट डालने से पहले अपने विधानसभा क्षेत्र शिकारीपुर स्थित संकट विमोचन अंजनेया मंदिर में पूजा की। पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने भी भगवान के दरबार में दर्शन कर चुनाव में सफलता के लिए प्रार्थना की।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस जहां सत्ता बचाने का प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी हुई है। राजनीतिक समर में तीसरा पक्ष पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौडा की पार्टी जेडीएस का है जो सिर्फ ‘‘किंगमेकर’’ नहीं बल्कि ‘‘किंग’’ की भूमिका में आने को प्रयासरत है। पार्टी में नंबर दो के नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने बेंगलुरू के विजयनगर स्थित आदि चुनचनागिरि मठ में अपने कुलदेव भैरवेश्वर के दर्शन किये।
उधर, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और बादामी से उनके खिलाफ चुनावी समर में उतरे बीजेपी उम्मीदवार बी. श्रीरामुलु (दोनों) ने विशेष ‘गो-पूजा’ की है। सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। उसी सीट पर उनके खिलाफ ताल ठोक रहे जेडीएस नेता जीटी देवगौड़ा की पत्नी ने वास्तु दोष की वजह से जबरन चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों से लड़कर ईवीएम का स्थान बदलवा दिया। माना जा रहा है कि बेहतर वास्तु के लिए जेडीएस कैंडिडेट की पत्नी ने ऐसा किया है।
बता दें कि बेंगलुरु के कुछ बूथों पर मतदाताओं ने मच्छर काटने की भी शिकायत की। इसके बाद चुनाव अधिकारियों ने बूथ पर मॉस्क्यूटो क्वॉयल जलवाया। एक-दो जगहों पर ईवीएम के ठीक ढंग से काम नहीं करने की भी शिकायत मिली। इस चुनाव में कुल 2600 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 200 महिलाएं हैं। 222 सीटों में से 36 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित की गई हैं। आयोग ने इस बार हरेक विधानसभा में एक पिंक बूथ बनाया है, जहां सभी पोलिंग स्टाफ महिलाएं हैं।